पूर्वी सिंहभूम : हेंसड़ा के जुड़ी पहाड़ी में मकर संक्रांति के उपलक्ष में दो दिवसीय मेले का आयोजन किया गया. इसमें विभिन्न क्षेत्र से आए एक से बढ़कर एक टुसू मूर्ति को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग उपस्थित हुए. सबसे मोहत और भव्य मूर्ति को सम्मानित किया गया. मेला के आयोजक सीताराम हेंब्रम ने कहा कि आदिवासी संस्कृति में बुढ़ीगाड़ी नृत्य का बहुत बड़ा योगदान है.
लुप्त हो रही नृत्य को बचाने का प्रयास
नृत्य लुप्त होती जा रही है. इसे जिंदा रखने को लेकर एक विशेष प्रतियोगिता के रूप में आयोजित की गई. इस बुढ़ीगाड़ी नृत्य में लोगों की भीड़ देखते ही बनती है. टुसू पर्व के बाद इस तरह का आयोजन कई गांवों में किया जाता है.
ये थे मुख्य रूप से मौजूद
इस दौरान मेले में मुख्य रूप से सीताराम सोरेन, सुवालाल महाकुड़, ग्राम प्रधान रामरंजन प्रधान, श्यामल महाकुड़, अमूल्य प्रधान, जितेन्द्र गोप आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे.