चाईबासा : चक्रधरपुर में एक शख्स का गला बिना किसी धारदार हथियार के, महज एक धागे से कटते-कटते बच गया। धागे ने गले पर जो जख्म के निशान बनायें हैं उसे देखकर तो यही कहा जा सकता है की व्यक्ति इस घटना में बाल-बाल बच गए। यह कोई मामूली धागा नहीं, बल्कि मौत का औजार कहे जाने वाला चाइनीज मांझा था। वो मांझा जो भारत में बैन है और अबतक देश में कई लोगों की जान ले चूका है। इसी मांझे से चक्रधरपुर के माइकल नामक एक स्कुल शिक्षक का गला कटते कटते बच गया। मांझा का शिकार बने माइकल ने बताया की वह किसी काम से बाइक में अपनी माँ को पीछे बिठाकर बैंक गए थे। काम पूरा कर जब वह वापस घर लौट रहे तभी रेलवे ओवर ब्रिज से पार होते समय उन्हें ऐसा लगा जैसे को कोई धारदार हथियार उसके गले को रेत रहा है। दर्द का अहसास होते ही उन्होंने तुरंत बाइक रोकी और गले को हाँथ लगाया तो हाँथ खून से लथपथ हो गया। वे किसी तरह घर पहुंचे और मरहम पट्टी करवाई।
प्रतिबन्ध के बावजूद बिक रहे चाइनीज मांझे
माइकल का कहना है की खतरनाक मांझा किसी की जान भी ले सकता है। इसलिए प्रशासन को ऐसे मांझे का स्तेमाल करने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जाहिर है चाइनीज मांझा भारत में प्रतिबंधित है और इसे भारत के बाज़ारों में बेचा नहीं जा सकता है। लेकिन इस्कर बावजूद चाइनीज मांझे की चोरी छिपे धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। चाइनीज मांझे के कारण पक्षियों को नुकसान पहुँचता है। समय रहते प्रशासन द्वारा चाइनीज मांझे पर सख्ती नहीं बरती गयी तो ऐसे हादसों की बाढ़ सी आ जाएगी।