जमशेदपुर : आदिवासियों की विभिन्न मांगों को लेकर आदिवासी सुरक्षा परिषद ने जमशेदपुर के जिला मुख्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना और सांकेतिक भूख हड़ताल आयोजित किया. धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष और भाजपा नेता रमेश हांसदा ने किया. इनकी मुख्य मांगों में पेसा एक्ट 1996 के 23 प्रावधानों के साथ हु-ब-हू नियमावली बनाकर लागू करने, झारखंड में प्रथम से 5वी क्लास के बच्चों को संताली (ओल चिकी) एवं हो (बरांग क्षिति) लिपि से पठन-पाठन करवाने, अंतरजातीय विवाह करने पर आदिवासी महिलाओं को नौकरी में आरक्षण देने, जमीन खरीदने का अधिकार और चुनाव लड़ने से वंचित किये जाने और टाटा लीज नवीकरण शर्त के तहत आदिवासियों के लिए आदिवासी विश्वविद्यालय बनाने एवं स्वरोजगार के लिए शहर में दुकानें आबंटित करने संबंधी मांगें शामिल हैं.
शीघ्र पहल करे सरकार
धरना-प्रदर्शन में आदिवासी समुदाय के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए और अपनी आवाज को उठाते हुए सरकार से शीघ्र पहल करने की मांग की. रमेश हांसदा ने कहा कि उनकी मांगों की अनदेखी नहीं किया जा सकता है. यह आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए बेहद जरूरी है. यदि इन मांगों पर जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया तो वे अपनी आवाज को और भी मजबूती से उठाएंगे.