नई दिल्ली/भुवनेश्वर : टाटा स्टील के फेरो एलॉयज एंड मिनरल्स डिवीजन (एफएएमडी) ने राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित वॉटर डाइजेस्ट वर्ल्ड वॉटर अवॉर्ड्स 2024-25 में “सर्वश्रेष्ठ एकीकृत जल प्रबंधन परियोजना” श्रेणी में जीत हासिल की.
इस मौके पर जल शक्ति राज्य मंत्री, राज भूषण चौधरी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहें. उन्होंने टाटा स्टील को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया. इसके बाद कंपनी को औपचारिक रूप से सम्मानित किया गया. टाटा स्टील की ओर से नताशा झा, हेड-प्रोजेक्ट्स, टेक्नोलॉजी और इम्प्रूवमेंट (एफएएमडी) ने यह सम्मान ग्रहण किया.
टाटा स्टील (एफएएमडी) द्वारा जल प्रबंधन को अधिक प्रभावी और सस्टेनेबल बनाने के लिए अपनाई गई अत्याधुनिक डिजिटल तकनीकों की सराहना करते हुए, यह प्रतिष्ठित पुरस्कार वाटर डाइजेस्ट, भारत की अग्रणी जल पत्रिका द्वारा आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया. यह आयोजन जल संरक्षण के अग्रदूतों और उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए आयोजित किया गया था. पंकज सतीजा, एग्जीक्यूटिव-इन-चार्ज (एफएएमडी), टाटा स्टील ने कहा, “भारत एक जल-संकटग्रस्त देश है, जहां कृषि, समाज और उद्योग समेत विभिन्न क्षेत्रों के बीच इस बहुमूल्य संसाधन के लिए प्रतिस्पर्धा है. हम अपनी प्रक्रियाओं में जल खपत को न्यूनतम करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। जल प्रबंधन में हमारी प्रतिबद्धता और नवीन डिजिटल समाधानों को अपनाने की दिशा में किए गए प्रयासों को मान्यता मिलने पर हमें गर्व है.” (नीचे भी पढ़ें)
एफएएमडी अपनी प्रतिबद्धता को प्रभावी रूप से लागू कर रहा है, जिसमें ओडिशा के जाजपुर जिले में स्थित कमारदा और सरुआबिल खदानों में सेंट्रल एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) और सुकिंदा खदान में एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) व सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) जैसी पहल शामिल हैं. ये अत्याधुनिक संयंत्र अपशिष्ट जल के शोधन और पुनः उपयोग को सुनिश्चित करते हुए जल संरक्षण में अहम योगदान दे रहे हैं.
ओडिशा के क्योंझर जिले में स्थित जोड़ा फेरो एलॉय प्लांट (एफएपी) में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए नवीनतम तकनीकों को अपनाया गया है. प्लांट ने एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) से उपचारित जल और स्क्रबर पॉन्ड के पानी का पुनः उपयोग कर ताजे सतही जल पर निर्भरता को काफी हद तक कम किया है, जिससे जल खपत में 40% से अधिक की कमी हासिल की गई है.
इसी तरह एफएएमडी ने ओडिशा के कटक जिले में स्थित एफएपी अथागढ़ में आईओटी-आधारित स्मार्ट जल प्रबंधन प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू किया है. इस अत्याधुनिक तकनीक के जरिये जल उपयोग की दक्षता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जिससे कुल जल सेवन में कमी आई है और स्लैग कूलिंग के लिए रॉ वाटर की खपत में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई है.