जमशेदपुर : अपहरण करने के बाद रुपये देने से आनाकानी करने के कारण रंजीत के साथ रंगदारों ने मारपीट की थी और उसे तालाब में फेक दिया। इसके पहले उसके कनपट्टी पर पिस्टल सटाकर जान से मार देने की भी धमकी दी गई थी। रंजीत साव ने बताया कि उससे 10 हजार रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। आरोपी गोविंदा, सांबा और विधाता ने मिलकर कनपट्टी पर पिस्टल सटाया था और कहा था कि रुपये लेकर 23 नवंबर को यूसील के तुरामडीह ग्राउंड में आ जाना। अगर 22 नवंबर को रंजीत के साथ मारपीट नहीं की जाती, तब दूसरे दिन योजना बनाकर उसपर किए जाने की योजना थी।
अपने माटकू आवास पहुंचा रंजीत
मारपीट की घटना के बाद रंजीत को 22 नवंबर की रात खासमहल के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज उसकी हालत में सुधार आने पर वह अपने घर माटकू पहुंच गया है। हालांकि उसे काफी चोटें आई है।
सुंदरनगर गैस एजेंसी में चलाता था टेंपो
रंजीत की बात करें तो वह सुंदरनगर के ही गैस एजेंसी में टेंपो चलाने का काम करता था। उसके काम को देखकर सांबा, गोविंदा और विधाता जलते थे। इसी क्रम में 19 नवंबर को तीनों ने रजीत को घेर लिया था और रंगदारी की मांग की थी। मामला थाने तक भी पहुंचा था।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को छोड़ दिया था
तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया था। आरोपियों को छोड़े जाने का विरोध रंजीत और उसके परिवार के सदस्यों ने तब किया भी था।
एक है थाने का मुखबीर
तीनों आरोपियों में से एक सुंदरनगर थाने का मुखबीर है। इस कारण से पुलिस ने अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। परिवार के लोगों का आरोप है कि पुलिस मामले में पक्षपात कर रही है। वहीं सुंदरनगर पुलिस का कहना है कि पुूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही आरोपी की गिरफ्तारी होगी।
गोविंदा और विधाता पहले भी जा चुका है जेल
आरोपी गोविंदा और विधाता इसके पहले भी रंगदारी मांगने, हमला करने और मारपीट करने के मामले में जेल जा चुका है। आरोप है कि दूसरे दिन भी पुलिस ने आरोपियों के घर पर छापेमारी नहीं की है।