आदित्यपुर : दिंदली पौराणिक शिव मंदिर में दो दिवसीय चड़क पूजा का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है. सोमवार को भगवान शिव की आराधना के बाद मंगलवार को चड़क मेले का आयोजन किया गया. दिंडली का यह पौराणिक शिव मंदिर आज भी अपने पौराणिक इतिहास को संजोय हुये है. 1818 से यहां पर लगातार जून के दूसरे सप्ताह में पड़ने वाले सोमवार और मंगलवार को चड़क पूजा के साथ-साथ मेला का भव्य आयोजन किया जाता है.
मान्यता है कि तकरीबन 202 साल पहले 1818 में दिंडली गांव में भयंकर अकाल और महामारी फैली थी. बिना बारिश हर ओर सुखाड़ पड़ा था. ऐसे में लोगों ने यहां के पौराणिक शिव मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की थी और मन्नतें मांगी थी. तब कई भक्तों ने अपने शरीर को नुकीले कील से छिदवाये और भगवान शिव के प्रति गहरी आस्था प्रकट की. इसके बाद से ही यहां प्रतिवर्ष अच्छी बारिश होने लगी और अकाल का मिट गया था. पूजा के सफल आयोजन में प्रमुख रूप से अध्यक्ष लालटू महतो, उपाध्यक्ष रितेन महतो, कोषाध्यक्ष, महासचिव रतन गोराई, कोषाध्यक्ष छोटून महतो का ने योगदान दिया.