Gamharia : पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह ने मजदूरों के हित में हुंकार भरते हुए आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों को मजदूरों के शोषण के खिलाफ चेतावनी दी है. मौका रहा आदित्यपुर मजदूर यूनियन की ओर से कंपनी प्रबंधन की मनमानी और मजदूरों के शोषण के खिलाफ रविवार को गम्हरिया लाल बिल्डंग से निकाली गई विशाल रैली और शहनाई भवन में आयोजित आमसभा का. इस रैली और सभा की अगुआई कर रहे यूनियन के संरक्षक सह पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह ने हा कि मजदूरों का शोषण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही, इस दौरान उन्होंने ठेकेदारों और सप्लायरों का शोषण करने के मामले में भी विभिन्न कंपनियों के प्रबंधन को चेताया है.
रैली में शामिल हुये भारी संख्या में मजदूर, हुई जोरदार नारेबाजी
इस बीच गम्हरिया लाल बिल्डिंग से निकली रैली में भारी संख्या में मजदूर शामिल हुए. उनके हाथों में तख्तियां थी, जिस पर मजदूरों के शोषण के खिलाफ श्लोगन लिखे हुए थे. मौके पर रैली में शामिल लोगों ने जोरदार नारेबाजी की. इस दौरान जहां रैली की आगुआई कर रहे पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह के समर्थन में जोरदार नारेबाजी हुई, वहीं-जेएमटी समेत अन्य कंपनियों के मजदूरों के शोषण के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की गई. यहां से यह रैली शहनाई भवन पहुंचकर आमसभा में तब्दील हो गई.
जिस दिन मजदूर जागेंगे, नहीं बचेगा कोई महल : अरविंद सिंह
इस मौके पर अपने संबोधन में यूनियन के संरक्षक और पूर्व विधायक अरविंद सिंह ने कहा कि 10 साल से ज्यादा समय हो गए इस क्षेत्र से ट्रेड यूनियन समाप्त हो गया है. कुछ जगह ट्रेड यूनियन है तो वह प्रबंधन का यस मैन बना हुआ है. मजदूरों की स्थिति बदत्तर हो चुकी है. वे पंगु हो चुके हैं. कई कारखानें इसी वजह से बंद हो चुके हैं. अब बंद कंपनी के मजदूरों का सेटलमेंट नहीं हो रहा है. हम मजदूरों को जगाने आये हैं, जिस दिन मजदूर जागेंगे उस दिन शोषण करनेवालों के महल का एक-एक ईंट तक उठाकर ले जाएंगे. कोई महल नहीं बचेगा. उन्होंने कहा कि आज एसिया और लघु उद्योग भारती बनाकर उद्यमी खुदको सुरक्षित कर लिए हैं, लेकिन मजदूरों को कोई सुरक्षा देने वाला नहीं है. बडी कंपनी जेएमटी बिक गई, लेकिन मजदूरों का क्या हुआ? कोई देखने वाला नहीं. अमलगम स्टील, आधुनिक पावर और नीलांचल जैसी कंपनियां क्षेत्र के लोगों को प्रदूषण की आग में झोंक रहा है. यह स्थिति देश, समाज और राज्य के लिए भयावह है. जमशेदपुर के 20 लाख से ज्यादा लोग न्यूनतम मजदूरी से कम पर काम कर रहे हैं. 21वीं सदी का यह समाज में कोढ़ जैसी स्थिति है.
मजदूरों को सेटलमेंट नहीं देना प्रबंधन की चाल : एसएन सिंह
सभा में मुख्य रूप से जाने-माने मजदूर नेता एसएन सिंह शामिल हुए. उन्होंने अपने संबोधन में मजदूरों की समस्याओं को विस्तार से रखा. उन्होंने कहा कि आज मालिक यहां की कंपनी बंद कर दूसरे राज्यों में इसलिए जा रहे हैं कि उन्हें यहां के मजदूरों का सेटलमेंट नहीं देना पड़े. उषा मार्टिन आज टाटा लांग प्रोडक्ट बन गया, लेकिन उनके मजदूरों को इंसाफ नहीं मिला. इस दौरान उन्होंने मजदूरों को आदित्यपुर मजदूर यूनियन के बैनर तले एकजुट होकर अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष करने का आह्रान किया. ताकि उन्हें न्याय मिल सके. (नीचे भी पढ़ें)
इससे पहले सभा को संबोधित करते हुए झारखंड वर्कर्स यूनियन के ओमप्रकाश सिंह ने इस रैली और मजदूरों की एकजुटता के लिए आदित्यपुर मजदूर यूनियन के नेताओं की जमकर सराहना की. उन्होंने कहा कि यहां सैंकड़ों उद्योग हैं, जिनमें लाखों मजदूर काम करते हैं. उन्हें न्यूनतम मजदूरी तक नहीं मिल रही है. सैंकड़ों मजदूरों को बोनस और छुट्टी का पैसा तक नहीं दिया जाता है. उन्हें भविष्य निधि और ईएसआई तक का लाभ नहीं मिलता है. उन्हें ठेकेदारों के अधीन कर दिया जाता है, जो जमकर शोषण करते हैं. वहीं, पूर्व मुखिया जवाहर लाल महाली ने कहा कि आज कृषि हो या भवन निर्माण या कारखाने के मजदूरों की बात हो या मनरेगा मजदूरों की बात हो, सबका शोषण हो रहा है. उनके साथ सौतेला व्यवहार होता है. आज उन्हें एकजुट कर शोषण से मुक्ति दिलाने की जरूरत है. मंच का संचालन कांग्रेस नेता जगदीश नारायण चौबे ने किया. सभा की अध्यक्षता करते हुए किसान मजदूर यूनियन के नेता मुखिया और प्रधानमंत्री से किसान मित्र पुरस्कार प्राप्त करने वाले सोखेन हेम्ब्रम ने कहा कि कारखाना के मजदूरों के साथ कृषि मजदूरों की भी समस्याएं हैं, उनका शोषण होता है. उन्हें जगाने की जरूरत है.
ये रहे मुख्य रूप से उपस्थित
इस कार्यक्रम में समाजसेवी चंदन सिंह, हनी सिंह मुंडा, प्रकाश राजू, भाजपा नेता धर्मेंद्र कुमार, रामु मुर्मू, भगवान सिंह, आशीष दास, सुनील सिंह, झामुमो नेता महेश्वर महतो, मोनू झा, शैलेश तिवारी सहित भारी संख्या में विभिन्न दलों के लोग शामिल रहे.