आदित्यपुर : जमशेदपुर के 86 बस्तियों का मालिकाना हक देने के तर्ज पर सरायकेला जिले के आदित्यपुर में भी 43 बस्तियों को मालिकाना हक देने की मांग की जा रही. भाजपा नेता रमेश हांसदा 50 साल से भी अधिक समय से अस्तित्व में आयी बस्तियों को मालिकाना हक देने की मांग की है. भाजपा नेता रमेश हांसदा ने सरकार के समक्ष मांग की है कि वर्षों से इन बस्तियों में बसे लोगों को मालिकाना हक दिया जाए.
बिहार सरकार के द्वारा 1990 के दशक में बंदोबस्ती को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया था. झारखंड-बिहार में 1932 और 64 के बाद कोई सेटलमेंट भूमि सुधार करने का काम किसी भी सरकार ने नहीं किया. जिस वजह से आज भी गांव देहातों में पुराने खतियान में ही वंशावली बनाकर विभिन्न तरह का काम किया जा रहा है. इस कारण जमीन का गलत तरीके से हस्तांतरण एवं लूट भी हो रही है. राज्य में जितने भी जमीन घोटाले हो रहे हैं कहीं ना कहीं जमीनों का पूर्ण रूप से हिसाब नहीं होने के कारण आज बिचौलिए और जमीन दलाल इन सब कामों को गलत कागजात बनाकर आसानी से कर रहे हैं.
चुनाव में बनेगा मुद्दा
रमेश हांसदा ने कहा कि मालिकाना हक देने की मांग को लेकर मुद्दा विधानसभा चुनाव में से जोरों से उठाया जाएगा. राजनीतिक दलों से अपील की है कि इस मुद्दे को चुनावी मुद्दा बनाए. 43 बस्तियों को जमीन का अधिकार के साथ-साथ झारखंड राज्य में सर्वे सेटेलमेंट का मांग को मजबूत करें. भविष्य के आम चुनाव में यह एक मुद्दा बनकर उभरे और जिसकी भी सरकार बने वह इस काम को करने के लिए बाध्य हो. प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से अभिजित दत्ता, विशु महतो, माईकल महतो, महाजन साहू, केदार जयसवाल, राजेश गोप, आदि दुखु सामंत मौजूद थे.