सरायकेला : आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र फेज-7 से सटे हथियाडीह में जमना ऑटो प्राइवेट लिमिटेड को जमीन आवंटित करने के विरोध में स्थानीय ग्रामीण अड़े रहे. गुरुवार को कंपनी प्रबंधन ग्रामीण और जियाडा प्रशासन के बीच त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित की गई, जो बेनतीजा रही. इस वार्ता में बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण शामिल हुए. बैठक में जियाडा प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा गम्हरिया अंचल अधिकारी गिरेन्द्र टूटी और जमना ऑटो लिमिटेड कंपनी के अधिकारी भी शामिल हुए. ग्रामीणों का आरोप है कि उद्योग के लिए आवंटित की गई जमीन वन विभाग की है, जिस पर जबरन कंपनी को जमीन अलॉट किया गया है. ग्रामीण अपने साथ वन विभाग के नक्शा को भी लेकर आए थे. घंटे चली वार्ता का नतीजा नहीं निकल सका, जबकि ग्रामीण उद्योग लगाने के विरोध में अड़े रहे.
जियाडा ने 2010 में वन भूमि का किया था अधिग्रहण
उद्योग लगाने के विरोध में ग्रामीणों के साथ वार्ता करने पहुंचे जियाडा के उद्योग विस्तार पदाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि जमीन की वर्ष-2010 में ही वन विभाग से हस्तांतरण प्रक्रिया पूरी कर उद्योग लगाने के लिए जियाडा को ट्रांसफर की गई थी. इसके बाद 2017-18 में जमना ऑटो लिमिटेड को उक्त जमीन पर उद्योग लगाने के लिए आवंटन किया गया. इन्होंने बताया कि खाली भू-खंड को ग्रामीण फुटबॉल मैदान बता रहे हैं, लेकिन उक्त जमीन पूर्व में ही वन विभाग से जियाडा को ट्रांसफर हो चुकी है.
250 करोड़ का होगा निवेश, मिलेगा रोजगार
वार्ता में मौजूद जमना ऑटो प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि कंपनी टाटा मोटर्स के ऑटो कॉम्पोनेंट पार्ट्स के निर्माण को लेकर यहां उद्योग स्थापित करेगी. इन्होंने बताया कि उद्योग में तकरीबन 250 करोड़ का निवेश होगा. जिससे स्थानीय हजारों लोगों को रोजगार प्राप्त होगा, लेकिन ग्रामीण इस बात को समझ नहीं रहे हैं. इन्होंने कहा कि फुटबॉल मैदान को विकसित कर ग्रामीणों को दिए जाने पर कंपनी राजी है. बावजूद इसके ग्रामीण अब भी विरोध पर अड़े हुए हैं.
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