आदित्यपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से देश में विकसित भारत के अमृत रेलवे स्टेशन के रूप में पुनर्विकसित 103 अमृत रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन आज हो रहा है. इसमें झारखंड के तीन रेलवे स्टेशन भी शामिल है. यह स्वागत योग्य है. लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि आदित्यपुर रेलवे स्टेशन को टाटानगर रेलवे स्टेशन का सेटेलाइट स्टेशन कहा जा रहा है. जबकि आदित्यपुर रेलवे स्टेशन पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी आज के इस उद्घाटन समारोह में इसे शामिल नहीं किया गया.
आदित्यपुर स्टेशन पर बनें हैं 5 प्लेटफार्म
सामाजिक संगठन जन कल्याण मोर्चा के जोरदार आंदोलन, धरना-प्रदर्शन के कारण वर्ष-2002 में आदित्यपुर रेलवे यार्ड को आदित्यपुर रेलवे स्टेशन के रूप में अधिसूचित किया गया. अब आम जनता का करोड़ों रुपए खर्च कर आदित्यपुर रेलवे स्टेशन का सौंदर्यीकरण किया गया. इस क्रम में 5 प्लेटफार्म बनाये गये तथा अखबारों में आदित्यपुर रेलवे स्टेशन के उद्घाटन के कई समाचार भी प्रकाशित हुआ. आज की तारीख में अनुपयोगी साबित हो रहा है. जन कल्याण मोर्चा के प्रयास एवं तत्कालीन सांसद आभा महतो की अनुशंसा पर तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर इस रेलवे स्टेशन पर वर्ष-2003 में टाटा-छपरा एवं वर्ष 2006 में सिंहभूम के तत्कालीन सांसद बागुन सुम्ब्रुई की अनुशंसा पर तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के आदेश से टाटा-पटना का ठहराव प्रारम्भ हुआ था. इसे कोरोना काल में बंद कर दिया गया.
आंदोलन की तैयारी के लिए मोर्चा की होगी बैठक
मोर्चा के अध्यक्ष सह अधिवक्ता ओम प्रकाश, कार्यकारी अध्यक्ष शारदा देवी, उपाध्यक्ष लीली दास और प्रेस प्रवक्ता दिवाकर झा ने संयुक्त रूप से बताया कि आज के घटनाक्रम को देखते हुए जन कल्याण मोर्चा के पदाधिकारियों से विचार-विमर्श कर यह माना गया कि आदित्यपुर रेलवे स्टेशन का अब-तक उद्घाटन नहीं होने और यहां सभी एक्सप्रेस यात्री गाड़ियों का ठहराव प्रारंभ नहीं होने के लिए रेलवे के वरीय पदाधिकारी एवं रेलवे बोर्ड जिम्मेवार है.
एक जून से जनआंदोलन की तैयारी
निर्णय लिया गया कि आम जनता की परेशानी एवं रेल की उदासीनता को देखते हुए जन कल्याण मोर्चा की बैठक एक जून को आदित्यपुर 2 के मार्ग संख्या 32 स्थित कार्यालय में होगी. बैठक में जन आंदोलन की तैयारी की जाएगी.