जमशेदपुर : मणिपुर में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार के विरोध में जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन ने महिला अधिवक्ताओं के आग्रह पर सोमवार को काला बिल्ला लगाकर काम किया. इस दौरान अधिवक्ताओं की एकजुटता देखते ही बन रही थी. इस बीच बाहर से आनेवाले लोग भी अधिवक्ताओं से पूछ रहे थे कि उन्होंने काला बिल्ला क्यों लगाया है.
एडहॉक कमेटी के अधिवक्ता टीएन ओझा ने कहा कि भारत देश की सभ्यता संस्कृति में महिला को देवी के रूप में पूजी जाती हैं. उस देश में नारी की मर्यादा और चीरहरण की घटना वास्तव में बहुत ही दुखदाई और निंदा जनक है.
राष्ट्रपति खुद हस्तक्षेप करें
महिला अधिवक्ताओं के अनुसार मणिपुर, राजस्थान, बिहार, बंगाल हो या देश के किसी भी हिस्से में इस तरह की घटना होने पर बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. मणिपुर में लगातार हो रही हिंसा की घटनाओं की रिपोर्ट सभ्य समाज को चिंतित और विचलित कर रही है. यदि प्रशासन और राज्य सरकार अक्षम है तो ऐसे मामलों में महामहिम राष्ट्रपति को महिला होने के नाते खुद हस्तक्षेप करना चाहिए.
अधिवक्ता बहनों की पहल सराहनीय- सुधीर कुमार पप्पू
अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने कहा कि दिल्ली का निर्भया कांड में भी अधिवक्ताओं ने एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए जिला प्रशासन के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को मांग पत्र भेजा था. इस बार भी अधिवक्ता बहनों की ओर से की गई यह पहल सराहनीय है. अधिवक्ता भवेश ने कहा कि मणिपुर की घटना के विरोध में काला बिल्ला लगाया है. यदि कोई राजस्थान, पश्चिम बंगाल घटना के विरोध में लगाना चाहता है लगाए, लेकिन महिला के सम्मान, मर्यादा और अधिकार के लिए सभी को एकजूटता का परिचय देना चाहिए.
इन्होंने किया विरोध
अधिवक्ता विनीता कालिंदी, अधिवक्ता सोमा दास, अधिवक्ता विनीता सिंह, अधिवक्ता रेखा, अधिवक्ता उमारानी, अधिवक्ता अनुराधा, अधिवक्ता बबीता जैन, अधिवक्ता पूनम, अधिवक्ता ज्योति आदि शामिल हैं. सभी ने महिला संबंधी मुद्दों पर दृढ़ता से साथ देने का आह्वान किया.