चाईबासा : मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की पुण्य तिथि पर शनिवार को अक्रामक दर्पण नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। पुस्तक का विमोचन टाटा कॉलेज राजनीति शास्त्र की प्रो. पिंकी दोराई ने किया। इसके उपरांत जयपाल सिंह मुंडा की पुण्यतिथि पर परिचर्चा की गई।परिचर्चा में छात्र -छात्राओं को संबोधित करते हुए प्रो. पिंकी दोराई ने कहा कि जयपाल सिंह मुंडा से मरांग गोमके जयपाल सिंह का उपाधि अपने आप मे अनूठा है। उनके बहुआयामी प्रतिभा के कारण ही जयपाल सिंह को यह उपाधि प्राप्त मिली थी। वे एक शिक्षाविद , अंतराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी, संविधान सभा के सदस्य, संपादक, प्राचार्य, ऑक्सफ़ोर्ड ब्लू, गोल्ड मेडलिस्ट, आईसीएस के रूप में विख्यात थे। उनके जीवनी व कृत्य पर कोई खिताब नहीं होने के कारण हमारे आज के पीढ़ी उनके ख्याति से अनभिज्ञ हैं।ऐसे समय मे यह खिताब छात्र-छात्राओं के लिए उपयोगी साबित होगा। खिताब का प्रधान संपादक पूर्व विधायक बहादुर उराव ने कहा कि यह किताब किसी पार्टी या गुट का नहीं है। यह किताब विशुद्ध रूप से अकादमिक है।और मरांग गोमके जयपाल सिंह पर आधारित संकलन है। विस्मृत जयपाल सिंह की कृत्य को आदिवासी समाज तक पहुंचाने का एक माध्यम है।
परिचर्चा में ये थे शामिल
परिचर्चा को टाटा कॉलेज हो भाषा के प्रोफेसर अर्जुन बिरुवा, पूर्व राज्यसभा सांसद दुर्गा प्रसाद जामुदा, पूर्व सांसद चित्रसेन सिंकु ने सबोधित किया।विदित हो कि अक्रामक दर्पण, संपादक सन्नी सिंकु, संपादक मंडली सरोज महतो, मोहनलाल केराई, डिबरु दोंगो, गोरेलाल गागराई शामिल है। किताब विमोचन के अवसर पर हिंदी की व्याख्याता उषा रानी सुंडी, हिंदी की व्याख्यता माधुरी सामंता, हो भाषा की व्याख्यता सुनैना बोइपाई, सन्नी सिंकु, अंसार अहमद, अमृत मांझी, संजय बिरुली, इंदुशेखर तिवारी, श्यामल सिंघा, महेंद्र जामुदा, नारायण सिंह पूर्ती, सरोज महतो, शैली शैलेन्द्र सिंकु, डिबरु दोंगो, जगन्नाथ दिग्गी, पोरेश पिंगूवा और कॉलेज के छात्र-छात्रएं उपस्थित थे।