जमशेदपुर : सुनिल कुमार पिल्लई के परिवार के लोगों ने सुनील की मौत के बाद रविवार को ही बागबेड़ा थाने में आरपीएफ के अधिकारी एसके पांडेय, जीके राय, अमरेंद्र, आइओडब्ल्यू चीफ और व्यापारी ओमप्रकाश कसेरा के खिलाफ आत्महत्या के लिये उकसाने का एक मामला दर्ज कराया है. मामला दर्ज होने के बाद भी समाचार लिखे जाने आरपीएफ अधिकारियों व अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
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सुनील की पत्नी ने दर्ज कराया है मामले
सुनील की पत्नी निरूपमा पिल्लई ने मामले में कहा है कि 28 जून को आरपीएफ के जवान और अधिकारी उनके घर पर आये हुये थे. पूंजिपति ओमप्रकाश कसेरा उस जमीन पर अपना दावा कर रहा था. इस बीच बड़ी बेटी अंजली और छोटी बेटी मनीषा ने अवैध निर्माण का विरोध किया था.
घसीटकर ले गया आरपीएफ थाना
सुबह 9.30 बजे आरपीएफ के अधिकारी उन्हें घसीटते हुये आरपीएफ थाना लेकर चले गये. इस बीच अंजलि और मनीषा ने कहा कि इस बीच उसके कपड़े भी फट गये थे.
हाजत में बंद कर दिया
थाना हाजत में बंद करने के साथ-साथ सभी खिड़की और दरवाजे भी बंद कर दिया गया. इस बीच जबरन उनसे सादे कागजात पर हस्ताक्षर करवा लिया. आरपीएफ के एसके पांडेय और जीके राय ने धमकी दी कि हस्ताक्षर नहीं करने पर चार साल के लिये जेल भेज देंगे.
शाम 6.30 बजे बागबेड़ा थाना लेकर गये
निरूपमा पिल्लई का कहना है कि उन्हें शाम 6.30 बजे आरपीएफ के लोग बागबेड़ा थाने पर लेकर गये. थाने में माफीनामा लिखवाकर जबरन हस्ताक्षर करवा लिया गया.
घर पहुंचने पर पता चला पापा जल गये हैं
घर पहुंचने के बाद पता चला कि पापा जल गये हैं और टीएमएच के बर्न वार्ड में भर्ती हैं. पूछने पर बताया कि सभी आरोपी पिछले दो सालों से परेशान कर रहे थे. जान से मार देने की धमकी भी मिल रही थी. जमीन को लेकर परेशान किया जा रहा था.
आरपीएफ थानेदार ने क्या कहा
पूरे प्रकरण में आरपीएफ थानेदार का कहना है कि जमीन 2004 से ही ओमप्रकाश के नाम पर है. उन्होंने अबतक का पूरा पैसा जमा कर रसीद भी कटवाया है. सुनील पिल्लई मुजबानी कहते हैं कि उनकी जमीन है. उनके पास किस तरह के कागजात भी नहीं है.
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