अमृतसर : लगभग 20 दिन पाकिस्तान की हिरासत में रहने के बाद बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ मंगलवार सुबह 10:30 बजे भारत लौट आए. पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत को सौंपा. पूर्णम कुमार गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गए थे, जिसके बाद उन्हें वहां हिरासत में ले लिया गया था. वे पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात थे. जवान की वापसी के बाद सुरक्षा एजेंसियां उनसे पूछताछ कर रही हैं ताकि सीमा पार करने की परिस्थितियों का पूरा ब्यौरा मिल सके.
पूर्णम कुमार की रिहाई ऐसे समय में हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के चलते तनाव अपने चरम पर है. भारत ने 7 मई को इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे, जिसके बाद पाकिस्तान की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की गई.
पत्नी ने जताई थी चिंता, डीजीएमओ वार्ता बनी थी उम्मीद की किरण
पूर्णम कुमार के लापता होने की खबर से उनके परिवार में चिंता का माहौल था. उनकी पत्नी राजनी ने उम्मीद जताई थी कि भारतीय सेना और पाकिस्तान के डीजीएमओ (DGMO) के बीच होने वाली बातचीत में उनके पति का मुद्दा जरूर उठेगा. उन्होंने कहा था कि जब भारत ने 3 मई को एक पाकिस्तानी रेंजर को राजस्थान में पकड़ा, तब लगा कि शायद बदले में उनके पति को भी छोड़ा जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने पर्यटकों और नागरिकों पर हमला किया, जिसे 26/11 मुंबई हमलों के बाद भारत में सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक माना गया. इस हमले ने भारत की शून्य सहिष्णुता की नीति को और मजबूत किया. जवाब में, भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें भारतीय वायु सेना, थल सेना और नौसेना ने समन्वित रूप से पाकिस्तान और PoK में आतंकी शिविरों को नष्ट किया. इस ऑपरेशन ने न केवल आतंकी बुनियादी ढांचे को ध्वस्त किया, बल्कि पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत किसी भी आतंकी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा.