मणिपुर : जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में इंटरनेट सेवा बंद कर मणिपुर का पटरी पर लाने की कवायद प्रशासनिक और सरकारी स्तर पर की जा रही है. मोबाइल इंटरनेट सेवा को मणिपुर के प्रभावित स्थानों पर 13 मई तक के लिये बंद कर दिया गया है. सरकार का मानना है कि इससे स्थिति में सुधार हो रहा है. इम्फाल पश्चिम और चुराचांदपुर समेत कुल 11 जिलों में सुबह छह घंटे की ढील भी दी गयी. इस बीच लोगों ने जमकर खरीदारी भी की है.
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10 मई को फायरिंग के बाद फिर बढ़ी सतर्कता
10 मई को अचानक से सेवा राइफल्स पर फायरिंग की घटना के बाद फिर से सतर्कता बढ़ा दी गयी है. पूर्वी इम्फाल जिले के दोलाईथाबी गोलीबारी की गयी थी. तब सुरक्षाकर्मी इलाके में गश्त कर रहे थे. इस बीच कुछ राउंड फायरिंग करने के बाद बदमाश भाग गये थे. घटना में असम राइफल्स के जवान घायल हो गया था जिसे सेना के एक हेलीकॉप्टर से सुरक्षित सैन्य अस्पताल ले जाया गया है. यहां पर जवान का इलाज चल रहा है.
24 घंटे हवाई निगरानी
मणिपुर की घटना के बाद 24 घंटे हवाई निगरानी की जा रही है. इसके लिये ड्रोन और हलीकॉप्टर लगाये गये हैं. इस बीच फ्लैग मार्च भी समय-समय पर किया जा रहा है. इसके लिये करीब 150 टुकड़ियों को लगाया गया है. अब लोग अपने घरों को लौट रहे हैं. सेना न केवल भीतरी इलाकों में, बल्कि भारत-म्यांमार सीमा पर भी संकटग्रस्त क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं.
3 मई से बिगड़ा का मणिपुर का माहौल
मणिपुर का माहौल 3 मई से ही बिगड़ा हुआ है. ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की ओर से अनुसूचित जनजाति वर्ग में मइती समुदाय को शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए 3 मई को आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला गया था. इस बीच ही पूरे मणिपुर में हिंसक झड़प हुई थी. इस बीच गोलीबारी और आगजनी की भी घटनायें घटी थी. यहां पर मइत जाति को एसटी बनाने की मांग की जा रही है. यही विवाद का मुख्य कारण है और एसटी समुदाय इसका विरोध कर रहा है. हिंसा में 60 से ज्यादा लोग मारे गये हैं. 1500 से ज्यादा घर भी जलाये गये हैं.
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