जमशेदपुर : जहां अपने बेटे के घर से लापता होने के बाद मां फूट-फूटकर रो रही थी, लेकिन जब वह बेटे के करीब गयी तो बेटे का मुंह देखे बिना ही निर्दयी मां लौट आयी. इस बात की चर्चा शहर के बिरसानगर में पड़ोसी कर रहे हैं. आखिर बेटे ने पुलिस को बताया है कि माता-पिता उसके साथ बहुत ज्यादा मारपीट करते हैं, लेकिन मां को तो अपना पक्ष रखना चाहिए था. कैसी निर्दयी मां है जो बेटे को देखे बिना ही वापस लौट आयी.
7वीं कक्षा में पढ़ाई करनेवाला मोहरदा का शुभम कुमार (12) 5 अगस्त की सुबह 9 बजे के बाद से ही घर से लापता हो गया था. उस समय मां स्कूल गयी थी बेटा का रिजल्ट लाने के लिये. इस बीच पड़ोस का ही मोहित की साइकिल पर बैठकर विजया गार्डेन गया था. यहां से वह कहां गया किसी को पता नहीं था.
टाटानगर स्टेशन से ट्रेन पकड़कर पहुंचा छत्तीसगढ़
शुभम टेंपो पकड़कर सीधे छत्तीसगढ पहुंच गया. इसकी जानकारी परिवार के लोगों को तब मिली जब वे टाटानगर स्टेशन पर पहुंचे और सीसीटीवी कैमरा देखा. इसके बाद रेल पुलिस की ओर से आगे के स्टेशनों पर शुभम की जानकारी दी गयी. इसके बाद छतीसगढ़ से रेस्क्यू किया गया.
राउरकेला चाइल्ड केयर के पास है शुभम
शुभम अभी छतीसगढ के ही चाइल्ड केयर की देख-रेख में रह रहा है. सोमवार को उसका बयान कोर्ट में कराया गया है. इस दौरान शुभम ने स्पष्ट कहा है कि घर पर उसके माता-पिता मारपीट करते हैं. इस कारण से वह घर से भाग आया है. अब वह घर पर नहीं जाना चाहता है.
पिता दिलीप खंदई कटक में करते हैं काम
शुभम के पिता दिलीप कुमार खंदई कटक मे सिवील का काम करते हैं. बेटे के लापता होने की जानकारी पाकर वे सोमवार को अपने घर बिरसानगर पहुंच गये हैं. घर पर उनकी पत्नी दीपा खंदई भी थी. अब माता-पिता को यह डर है कि मारपीट के केस में कहीं दोनों को वहां की पुलिस जेल ने भेज दे.