ASHOK KUMAR
जमशेदपुर : बागबेड़ा की जलापूर्ति योजना लचर व्यवस्था और रख-रखाव की भेंट चढ़ गया है. मोटर खराब हुए पूरे 5 दिन हो गए हैं, लेकिन अभी और कितने दिनों के बाद बागबेड़ा कॉलोनी को पानी नसीब होगा. किसी को पता नहीं है. इस बार मोटर खराब होने पर उसे ही बदलने का काम किया जा रहा है.
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समझिए कैसे है लचर व्यवस्था
बागबेड़ा जलापूर्ति योजना के लिए दो मोटर की सुविधा दी गई थी. अगर कभी एक मोटर खराब होता है तो दूसरे मोटर से जलापूर्ति की जाएगी. ऐसा अबतक नहीं हुआ है कि एक मोटर खराब हुआ तो दूसरा काम कर रहा है.
स्थायी तौर पर खराब रहता है दूसरा मोटर
दूसरा मोटर तो स्थायी तौर पर ही खराब रहता है. इसे बनवाने तक का काम नहीं किया जाता है. इसकी जिम्मेवारी संभालने वाले जनप्रतिनिधि भी अबतक चुप्पी साधे रहते हैं. किसी के पास इसका जवाब नहीं है. अबतक कितनी बार मोटर में खराबी आई है किसी के पास जवाब नहीं है.
बार-बार मोटर में आती है खराबी
मोटर में खराबी एक नहीं बल्कि बार-बार आती है. इसकी जानकारी भी सभी को है. मोटर खराब होने के बाद बागबेड़ा के दो धड़ा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो जाता है. दोनों धड़ा राजनीति पर उतर आते हैं. एक धड़ा इधर बैठक कर रहा है तो दूसरा उधर. कोई मोटर के साथ फोटो खिचवा रहा है तो कोई अधिकारी के साथ. जलापूर्ति योजना के मामले में एक धड़ा जहां खराब मोटर के साथ फोटो खिचवा रहा है तो दूसरा किसी अधिकारी के साथ. कुल मिलाकर मोटर खराब होने के बाद राजनीति शुरु हो जाती है.
