काली दास पाण्डेय
200 से अधिक हिंदी और क्षेत्रीय फिल्मों का हिस्सा रही गुजरे जमाने की अभिनेत्री और नृत्यांगना बेला बोस का 20 फरवरी 2023 को 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बेला बोस ने 1959 में आई फिल्म ‘मैं नशे में हूं’ से बॉलीवुड में कदम रखा। 50 से 80 के दशक तक
बेला बोस ने अपनी एक्टिंग की एक लंबी पारी खेली है। ‘प्रोफेसर’ (1962), ‘बंदिनी’ (1963), ‘अप्रैल फूल’ (1964), ‘लुटेरा’ (1965), ‘आसरा’ (1966), ‘अनिता’ (1967), ‘बहारों के सपने’ (1967), ‘शिकार’ (1968), ‘जीने की राह’ (1969), ‘अभिनेत्री’ (1970), ‘हसीनों का देवता’ (1971), ‘दिल दौलत दुनिया’ (1972), ‘जय संतोषी मां’ (1975), ‘बद्रीनाथ धाम’ (1980), ‘सौ दिन सास के’ (1980) और ‘नवरात्री’ (1985) जैसी फिल्मों में उत्कृष्ट अभिनय के लिए बेला बोस जानी जाती थीं।
बेला बोस की शादी 1967 में अभिनेता और फिल्म निर्माता आशीष कुमार से हुई थी। 18 अप्रैल 1943 को कोलकाता (पश्चिम बंगाल) के एक धनाढ्य परिवार में जन्मी बेला बोस बेहद मल्टी-टैलेंटेड थीं, एक्ट्रेस होने के साथ-साथ वो एक कुशल चित्रकार और नेशनल लेवल की तैराक भी थीं। उन्हें मणिपुरी क्लासिकल डांस में महारथ हासिल थी। अभिनेत्री बेला बोस की फिल्में सिनेप्रेमियों को उनकी याद युगों युगों तक दिलाती रहेंगीं।