जमशेदपुर : बारीडीह गोलचक्कर से पत्थलगड़ी को जब्त किए जाने के विरोध में बिरसा सेना और ग्रामसभा के नेतृत्व में बारीडीह गोलचक्कर पर पिछले 2 दिनों से भूख हड़ताल किया जा रहा था. भूख हड़ताल के दौरान जिला प्रशासन की ओर से आंदोलनकारियों की सुधि नहीं लिए जाने पर गुस्साए आंदोलनकारियों ने अंततः मंगलवार की रात कोंका कमार की मूर्ति स्थापित कर दी.
बैकफूट पर आया जिला प्रशासन
कोंका कमार की प्रतिमा स्थापित करने के बाद ऐसा लग रहा है जैसे जिला प्रशासन बैकफुट पर आ गया है. जिला प्रशासन की ओर से ही पत्थलगड़ी को 1 जुलाई को जब्त कर लिया गया था. वहां पर पत्थलगड़ी के बजाय अब कोंका कमार की मूर्ति को ही स्थापित कर दिया गया है.
कौन थे कोंका कमार करमाली
कोंका कमार करमाली ने बिरसा मुंडा की ओर से उलगुलान किए जाने के समय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने उलगुलान के दौरान जो अस्त्र शास्त्र का प्रयोग किया था उसे कोंका कमार ने ही बनाने का काम किया था. आज बिरसा सेना के लोगों का कहना है कि टाटा स्टील और जेएनएसी के अधिकारियों ने कोंका कमार की पत्थलगड़ी को जब्त कर उनका अपमान किया.