चाईबासा : सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मंत्रियों की महत्वपूर्ण बैठक में पारित प्रस्तावों पर भारतीय जनता पार्टी ने विरोध जताया है। निःशुल्क कफन योजना पर गहरा ऐतराज जताते हुए इसे शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। भाजपा में इस निर्णय को अपरिपक्वता की पराकाष्ठा बताते हुए इसकी तुलना “अंधेर नगरी चौपट राजा” से कर दिया। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि हुज़ूर ने ना दवा और न दुआओं के काबिल समझा गुस्ताखी इतनी थी कि कफ़न ही मुनासिब समझा। इस शायरी के बाद वर्चुअल बयान जारी करते हुए कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि इतिहास में शायद यह पहला मौका होगा जब किसी सरकार की प्राथमिकता जन स्वास्थ्य ना होकर के मृत्यु और कफ़न तक सीमित रह गई है। राज्य में व्याप्त कोरोना की दूसरी लहर और संभावित तीसरी लहर को लेकर सरकार के पास कार्ययोजनाओं का अभाव स्पष्ट झलक रहा है। भाजपा ने कैबिनेट के निर्णय का विरोध जताते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ताबड़तोड़ अस्पतालों को बंद करवा रहे हैं। प्रबंधकों पर दमनकारी कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में सरकार की प्राथमिकता जन स्वास्थ्य ना होकर के महज़ केंद्र सरकार के विरोध तक सीमित रह गई है। संविधान की सातवीं अनुसूची की दूसरी सूची के अनुसार जन स्वास्थ्य और सफाई, अस्पताल एवं औषधालय राज्यों के अधिकार में आते हैं। इनपर कार्ययोजनाओं के साथ सुधार करने की जगह हेमंत सरकार लगातार जनता की भावनाओं और सेहत से खिलवाड़ कर रही है। भारतीय जनता पार्टी ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को भी आड़े हाथों लेते हुए कोरोना संक्रमणकाल में जनता को गुमराह कर के टीकाकरण से वंचित करने का आरोप लगाया। प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को नसीहत दी है कि सरकार की विफलताओं को केंद्र सरकार के माथे पर मढ़ने की नकारात्मक प्रवृत्ति से बाज आना चाहिए। भाजपा ने कहा कि हेमंत सरकार के कैबिनेट मंत्रियों के नकारात्मक दुष्प्रचार का ही प्रतिफल रहा कि सूबे के ग्रामीण अंचलों में टीकाकरण की रफ़्तार बेहद पिछड़ी हुई है। मंत्रियों ने जनता को वैक्सीन के मसले पर पहले तो जनता को झूठ बरगलाया। विपक्षी नेताओं ने चुपके से स्वयं वैक्सीन लेकर अपने आप को सुरक्षित कर लिया लेकिन जनता को गुमराह कर के उनके स्वास्थ्य से गंदा खिलवाड़ किया।