इनसाइड झारखंड डेस्क : भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को एक तीखा बयान देते हुए देश की सर्वोच्च अदालत पर गंभीर आरोप लगाए. गोड्डा से सांसद दुबे ने कहा कि यदि देश में कानून सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा, तो फिर संसद भवन को बंद कर देना चाहिए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अदालत अपनी सीमाएं लांघ रही है और विधायिका के कार्यक्षेत्र में दखल दे रही है.
सांसद ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को देश में संभावित “गृह युद्ध” के लिए जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि अदालत द्वारा संसद के बनाए कानूनों को रद्द करना, और राष्ट्रपति — जो स्वयं न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्राधिकारी हैं, उन्हें निर्देश देना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरा है.
अनुच्छेद 368 का हवाला
दुबे ने संविधान के अनुच्छेद 368 का हवाला देते हुए कहा कि कानून बनाना संसद का अधिकार है और सुप्रीम कोर्ट का कार्य केवल उन कानूनों की व्याख्या करना है. उन्होंने कहा कि अदालत सरकार को आदेश दे सकती है, लेकिन संसद को नहीं.
इस विवादास्पद बयान पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तत्काल प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह निशिकांत दुबे का “व्यक्तिगत बयान” है और इसका भाजपा की आधिकारिक नीति या विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है.