सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिला परिषद बोर्ड की बैठक में सदस्यों की ओर से बहिष्कार किए जाने के बाद बैठक की कार्रवाई स्थगित कर दी गई. बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा, उपाध्यक्ष मधुश्री महतो, सचिव सह उप विकास आयुक्त प्रवीण कुमार तथा अन्य सदस्य पहुंच चुके थे. बैठक का एजेंडा जैसे ही सभी सदस्यों के हाथ में आयी थी कि दो सदस्यों को छोड़कर बाकी सभी परिसदन के बाहर निकल गए. बैठक की बहिष्कार कर दी.
जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा ने कहा कि बैठक की बहिष्कार करने वाले सभी सदस्यों से बात की जा रही है. जल्द ही उन्हें समझाया जाएगा ताकि क्षेत्र का विकास हो सके.
सिग्नेचर के लिए होती है बैठक- झिंगी
कुचाई जिला परिषद सदस्य झिंगी हेंब्रम ने कहा कि बैठक में केवल उन्हें सिग्नेचर करने के लिए ही आमंत्रित किया जाता है. हस्ताक्षर केवल योजनाओं को पारित के लिए लिया जाता है. धरातल पर उन योजनाओं का हाल बहुत ही खराब है. शिकायत के बावजूद जिला परिषद की बैठक में पदाधिकारी पर कार्रवाई नहीं होती है. योजनाओं को पास करने के बाद मॉनिटरिंग नहीं होती है.
डीडीसी और सिस्टम का विरोध- कालीचरण
जिला परिषद सदस्य कालीचरण बांद्रा ने कहा कि जिला परिषद अध्यक्ष का विरोध नहीं कर रहे हैं. बल्कि डीडीसी और सिस्टम का विरोध कर रहे हैं. लंबित योजनाओं को पूरा नहीं कर नई-नई योजनाओं पर विभाग के पदाधिकारी ध्यान दे रहे हैं. पूर्व से लिए गए योजनाओं का टेंडर भी नहीं हुआ है.
5 सालों का हिसाब मांगेगी जनता- शंभू
जिला परिषद सदस्य गम्हरिया शंभू मंडल ने कहा कि 5 साल हमें कार्य के लिए जनता ने सौंपा है. इन पांच सालों में क्षेत्र का विकास करना है. परंतु वर्तमान में धरातल पर योजनाओं का कुछ अलग ही हाल है. लंबित योजना तथा योजनाओं के गड़बड़ी के कारण उन्हें शर्मिंदगी महसूस हो रही है. 5 साल पूरा होने के पश्चात जनता उनसे विकास का हिसाब मांगेगी.