धनबाद। न्यूज 11 चैनल के मालिक अरूप चटर्जी के द्वारा लगातार ब्लैकमेलिंग किये जाने से आजिज होकर न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। केस के संदर्भ में है जो हमने किया है यह उगाही और एक्सटॉर्शन का मामला है।
न्यायालय को वह सारे साक्ष्य उपलब्ध कराए है और उन साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय से वारंट निर्गत हुआ और अरूप चटर्जी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। उक्त बातें कोयला व्यवसायी सह शिवम हार्ड कोक के मालिक राकेश कुमार ओझा ने धैया धीरेंद्रपुरम में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं।
मीडिया को उन्होंने पूरे मामले में विस्तार से बताया। राकेश ओझा ने बताया कि वर्ष 2021 में 10 सितंबर को अरूप चटर्जी ने अपने चैनल में खबर बनाकर चलाया गया कि पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के दमाद के डिपो में 10000 टन कोयला डिपो में खाली किया गया..यह किसी के हवाले से चलाया गया जब हमने उनसे फोन करके पूछा कि आप यह क्या चला रहे हैं उनके तरफ से जवाब मिला आपका कारोबार बड़ा हो चुका है और मेरा चैनल भी अब काफी बड़ा है।
यह कहते हुए विज्ञापन की मांग की जाने लगी। कहा गया कि चैनल चलाने में खर्च लगता है। धीरे धीरे बात और आगे बढ़कर बात मंथली देने पर दबाव बनाने लगे। यह सारी चीजें रिकॉर्डेड हैं। फोन कॉल रिकॉर्ड व्हाट्सएप मेसेज आदि सभी साक्ष्य न्यायालय को हमने सुपुर्द कर दिया है। उन्होंने अरूप चटर्जी और मैनेजर राय के साथ सांठगांठ की पोल खोलते हुए बताया कि
मैनेजर राय से पुरानी रंजिश है हालांकि वह भी कोई ऐसी रंजिश नहीं है पारिवारिक मित्रता रही है मैनेजर राय की यह इच्छा है कि मेरा दो बेटा है उनका और हमारा फैक्ट्री देखने में एक जैसे लगता है वे बोले की यदि दोनो की बाउंड्री तोड़ देंगे तो दोनो बेटो को एक जैसा (पटरा) फैक्ट्री मिल जायेगा..
तब हमने कहा कि यदि आपके 100 पुत्र हो जाते तब तो आप पूरा धनबाद का ही हार्डकोक भी ले लेते .तो फिर हमलोग कहा जायेंगे। इसके बाद मैटर बढ़ते गया ,फिर मैनेजर राय से अरूप चटर्जी मिल गए। उन दोनो में सांठ गांठ है। पिछले साल खबर चलाए फिर पैचअप हो गया..
इस बार भी खबर चलाए..जी भैया , नो भैया.. उस बातचीत की रिकार्डिंग की सुबूत मौजूद है।बर्दास्त सीमा के पार होने के बाद हमने 27 जून को गोविंदपुर में एफआईआर दर्ज कराया .. हमने न्यायालय को साक्ष्य दिया उसके आधार कोर्ट ने वारंट जारी किया..इस न्यूज को भी चैनल में यह बताया जा रहा है पुलिस की ज्यादती. वारंट तो कोर्ट से जारी हुई है पुलिस से थोड़े ही..ये तो कोर्ट की अवमानना है..