जमशेदपुर ।
हाल ही में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा जारी की गई भारत की अपनी डिजिटल करेंसी सरकार के इस मज़बूत इरादे
को बेहद स्पष्ट करती है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश में डिजिटलीकरण को शहर शहर और
गाँव गाँव तक पहुँचाने को ठान चुकी है और निकट भविष्य में देश भर में अधिकांश व्यापार अब डिजिटल उपकरणों के
ज़रिए ही चलेगा – यह कहते हुए कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोन्थालिया ने
बताया की इस ओर विशेष ध्यान देते हुए कैट ने देश भर के व्यापारियों के बीच “ व्यापार डिजिटलीकरण राष्ट्रीय अभियान
“ शुरू करने का निर्णय लिया है और यह अभियान आगामी 15 नवम्बर से देश के सभी राज्यों की राजधानी से शुरू
होगा।
सुरेश सोन्थालिया ने कहा की डिजिटल करेंसी के आ जाने के बाद ऐसा लगता है की शायद चेक बुक की अब ज़रूरत ही
नहीं रहेगी।व्यापार डिज्टालीकरण राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत देश भर के व्यापारिक बाज़ारों में स्थानीय ट्रेड
एसोसिएशनों के सहयोग से मार्केटों में कैम्प लगाकर अथवा दुकान दुकान जाकर अथवा ऑनलाइन मीटिंग , वर्कशॉप
एवं सेमिनार आयोजित कर व्यापारियों को यह बताया जाएगा की बदलते व्यापारिक स्वरूप को ध्यान में रखते हुए वो
अपने व्यापार के वर्तमान स्वरूप को बदलकर डिजिटल उपकरण जैसे नक़द के बजाय डिजिटल तरीक़े से भुगतान, ई
कॉमर्स पर अपनी दुकान, बिल आदि बनाने तथा व्यापारिक पत्र व्यवहार करने के लिए कंप्यूटर का उपयोग आदि क्यों
ज़रूरी हो गया है। व्यापारी डिजिटलीकरण राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत 15 नवम्बर को दिल्ली की क़रोल बाग मार्केट
से शुरू होगा ।
सोन्थालिया ने कहा की डिजिटलीकरण के इस दौर में व्यापार करने के लिए तीन चीज़ ही ज़रूरी होंगी – डिजिटल पेमेंट,
इंटरनेट एवं कोरियर सेवाएँ ।
हाल ही में देश में 5जी सर्विस शुरू हो चुकी है जो देश के कोने कोने में निर्बाध हाई स्पीड इंटरनेट को सुलभ करायेंगी
वहीं डिजिटल पेमेंट के लिए क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, आर टी जी एस , एन एफ़ टी ,अन्य प्रकार से भुगतान के लिए
यूपीआई, भीम, क्यूआरकोड सहित अन्य अनेक प्रकार के डिजिटल पेमेंट के माध्यम उपलब्ध हैं वहीं इंडिया पोस्ट से
लेकर देश भर में कोरियर कंपनियों तथा ट्रांसपोर्ट सेवाओं का जाल बिछा हुआ है ।
व्यापारी यदि इनको अपने व्यापार का मूल आधार बनायेंगे तो उनके व्यापार में वृद्धि तो होगी ही बल्कि कोई भी विदेशी
कंपनी अथवा भारतीय कंपनी कभी भी उनके व्यापार पर कब्जा नहीं कर पायेंगी ।
कैट ने कहा की डिजिटल करेंसी जारी होने के बाद ऐसा लगता है की वो समय अब दूर नहीं जब देश में चेक बुक का
युग समाप्त हो जाए और चेक बुक के स्थान पर डिजिटल तरीक़े से ही भुगतान होगा तथा धीरे धीरे नक़द का चलन भी
कम हो जाए, ऐसी स्तिथि में व्यापारियों को अब व्यापार चलाने के लिए अपने व्यापारिक फॉर्मेट को अभी से परिवर्तित
करना शुरू कर देना चाहिए ।
इसलिए ही कैट अपने राष्ट्रीय अभियान में एक आठ सूत्रीय कार्यक्रम शुरू कर रहा है जिसमें ई कॉमर्स पर ई दुकान
बनाना, नक़द के स्थान पर ज़्यादा से ज़्यादा डिजिटल पेमेंट को अपनाना, कंप्यूटर आदि टेक्नोलॉजी का व्यापार में
उपयोग, करों का समय पर भुगतान, ग्राहकों से अच्छा व्यवहार, अपनी दुकान को शो रूम में परिवर्तित करना, बेहतर
प्रोडक्ट डिस्प्ले तथा अपनी स्थानीय ट्रेड एसोसिएशन को मज़बूत करना शामिल है ।
ने बताया की कैट द्वारा समर्थित भारतईमार्ट ई कॉमर्स पोर्टल देश भर में जल्द ही शुरू किया जा रहा है और इस राष्ट्रीय
अभियान में जहां व्यापारियों को भारतई मार्ट पर अपनी ई दुकान बनाने का आग्रह किया जाएगा तथा ऑफलाइन व्यापार
के साथ साथ ऑनलाइन ग्राहकों को अपने साथ जोड़ना शामिल हैं ।
वर्तमान में क्योंकि डाटा ही सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति है इसलिए व्यापारियों को डाटा मैनेजमेंट के बारे में भी बताया जाएगा
और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा मशीन लर्निंग के द्वारा व्यापार को मज़बूत बनाने पर ज़ोर दिया जाएगा ।