चाईबासा : चक्रधरपुर एनएच 75 सड़क मार्ग स्थित ओम नर्सिंग होम में आदिवासियों से पैसे ऐंठने के लिए बड़ा कारनामा हो रहा है। यहाँ कैंसर का ईलाज और ऑपरेशन हो रहा है। टोंटो प्रखंड के सुरनिया गांव निवासी रेंसो हेस्सा की 40 वर्षीया पत्नी शांति हेस्सा पिछले कई सालों से स्तन कैंसर से पीड़ित है। उसे पता चला की ओम नर्सिंग होम में कैंसर का ईलाज होता है । जब वह नर्सिंग होम गयी तो अस्पताल ने उसका 3 नवम्बर को ईलाज और ओपरेशन कर दिया । पति रेन्सो ने बताया की ऑपरेशन के लिए डाक्टर एलके साहू ने उससे 80 हजार रुपए वसूले इसके बाद दवा, बेड चार्ज, ईलाज के लिए भी अलग से खर्च वसूला , लेकिन शांति की हालत और बिगड़ गयी । वह मौत के मुंह में समाने लगी है । शांति के जिस स्तन का ऑपरेशन हुआ वह सड़ने लगा है और हाथ भी सूज गया है । घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है इसलिए पति भी पत्नी को तिल तिल मरता देखने के सिवाय कुछ नहीं कर पा रहा । कुछ ऐसी ही कहानी चमरा हेस्सा की पत्नी बेलमती की है । बेलमती के स्तन कैंसर का ऑपरेशन भी इसी ओम नर्सिंग होम में किया गया । बीते अक्टूबर माह में उसका ऑपरेशन हुआ । जिसमें 1 लाख रूपये से ज्यादा ओम नर्सिंग होम ने बेलमती के पति चमरा हेस्सा से वसूला, लेकिन ऑपरेशन के बाद बेलमती की हालत लगातार बिगड़ती जा रही । अब उसका इलाज रांची में कैंसर हॉस्पिटल में हो रहा है । ओम नर्सिंग होम एक छोटा सा क्लिनिक है । इसके पास कैंसर के ईलाज का कोई अधिकार और लाइसेंस नहीं है । यहाँ कैंसर मरीज के ईलाज के लिए जरुरी सुविधायें भी उपलब्ध नहीं है । फिर कैसे यहाँ कैंसर का ईलाज और ओपरेशन चल रहा था यह समझ के परे है ।
क्या कहते हैं नर्सिंग होम संचालक
नर्सिंग होम संचालक की अलग ही दलील है । संचालक एलके साहू का कहना है की पहले भी कई कैंसर मरीजों का ईलाज और ओपरेशन हुआ है लेकिन कभी कोई शिकयत नहीं आई । अब जो दो मामले आये हैं उसके लिए मरीज और उसके परिजन ही दोषी हैं क्योंकि उन्होंने ऑपरेशन के बाद रूटीन जांच व दवा नहीं किया ।