जमशेदपुर।
सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान पद के लिए 8 जनवरी को होने वाला चुनाव फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. चुनाव में वोटरलिस्ट को लेकर चल रहे विवाद के बीच शुक्रवार शाम धालभूम के एसडीओ पीयुष कुमार ने चुनाव संचालन समिति के पांचों सदस्यों को अपने कार्यालय तलब किया. उम्मीदवार महेंद्र सिंह बोझा व सोनारी के प्रधान तारा सिंह की शिकायत के आलोक में एसडीओ ने चुनाव कमेटी को साफ निर्देश दिया कि आपसी समन्वय बनाकर सभी को साथ लेकर चुनाव कराया जाए. इस दौरान एसडीओ आफिस के बाहर महेंद्र सिंह के काफी समर्थक भी जुटे थे. एसडीओ का नया निर्देश आने पर समर्थकों में खुशी दौड़ गई है.
फिलहाल, चुनाव समिति इस पर विचार विमर्श कर रही है. चुनाव को ज्यादा लंबा नहीं खींचते हुए दो तीन दिन में ही चुनाव की तारीख निकाले जाने पर मंथन कर रही है.
चुनाव समिति में समन्वय नहीं
बुधवार को चुनाव संचालन समिति के एक सदस्य ने 8 जनवरी को सीजीपीसी के प्रधान का चुनाव कराने की बात कही थी. इसके बाद चुनाव की तैयारियां शुरु कर दी गई. इसे लेकर उम्मीदवारों ने विरोध शुरु कर दिया था. मामला एसडीओ के दरबार गया. शुक्रवार को समिति के दलजीत सिंह दल्ली से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि पांचों मेंबरों के साथ एसडीओ की वार्ता हुई है. वे न्यूट्रल होकर काम कर रहे हैं. जिन तीन गुरुद्वारों का नाम वोटरलिस्ट से काटा गया है उन्हें वोटिंग राइट्स देने पर विचार चल रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि 8 जनवरी को कोई चुनाव होने वाला नहीं है. यह घोषणा किसने की वह नहीं जानते. दल्ली का यह बयान साफ दर्शाता है कि चुनाव समिति में आपसी तालमेल ही नहीं है.
वोटरलिस्ट को लेकर हुआ विवाद
दरअसल, चुनाव समिति ने पहली बार पांचों मेंबरों के हस्ताक्षर युक्त 218 वोटरों की लिस्ट उम्मीदवारों को सौंप दी थी. उसके बाद ऐन केन प्रकरेण चुनाव समिति के सदस्यों में ही बगावत शुरु हो गई. दूसरी बार में तीन सदस्यों ने तीन गुरुद्वारा क्रमशः टिनप्लेट, सीतारामडेरा व सोनारी की 10-10 कुल 30 वोटों पर कैंची चला दी और फिर नई वोटरलिस्ट उम्मीदवारों को सौंपी, जिसे लेकर उम्मीदवार हरमिंदर सिंह मिंदी व हरविंदर सिंह मंटू ने बगावत कर दी. वहीं, उम्मीदवारों का यह भी तर्क है कि तीनों गुरुद्वारों से पहले चंदा ले लिया गया और फिर उन्हें वोटिंद से किस आधार पर वंचित कर दिया गया.