चाईबासा।
झारखण्ड आन्दोलनकारी और चक्रधरपुर के पूर्व विधायक बहादुर उरांव ने क्षेत्र की महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ देने के लिए रविवार के दिन महिला कॉलेज के भवन निर्माण को लेकर चक्रधरपुर के जुगीबेड़ा में शिलान्यास किया. इस शिलान्यास कार्यक्रम को बहादुर उरांव की धर्म पत्नी लखीमुनि उरांव के कर कमलों द्वारा संपन्न कराया गया.
महिला कॉलेज के शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्य रूप से उनकी बेटी सीमा उरांव पश्चिम सिंहभूम जिला परिषद् के पूर्व अध्यक्ष श्याम सुन्दर महतो, तृणमूल कांग्रेस के नेता सन्नी सिंकू सहित अन्य मौजूद थे. बता दें की बहादुर उरांव ने अपने दिवंगत दो जुड़वाँ बेटों के नाम पर इस महिला कॉलेज का नामकरण किया है. शिलान्यास किये गए महिला कॉलेज का नाम “सखुवा उरांव करम उरांव महिला इंटर कॉलेज जुगीबेड़ा” रखा गया है. दरअसल झारखण्ड आन्दोलन के दौरान बहादुर उरांव ने अपने दो बेटे सखुआ और करम उरांव को खो दिया था. सखुआ और करम उरांव दुधमुहे बच्चे थे. और उस दौर में झारखण्ड आन्दोलन चरम पर था.
बहादुर उरांव झारखण्ड आन्दोलन के सक्रीय नेता थे और पुलिस उनकी तलाश में थी. बहादुर उरांव अपने बच्चों को लेकर एक जगह से दूसरी जगह भटकते रहे. इसी क्रम में उनके दो पुत्र सखुआ और करम उरांव की मौत हो गयी. झारखण्ड अलग राज्य के लिए बहादुर उरांव ने अपने दो बेटों की क़ुरबानी दे दी थी. आज उन्हीं दिवंगत दो बेटों के नाम से बहादुर उरांव और उनकी धर्म पत्नी ने महिला कॉलेज के निर्माण के लिए दो एकड़ जमीन का दान किया और कॉलेज भवन के निर्माण के लिए महिला कॉलेज की नींव रखी.
बहादुर उरांव के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये गए इस महत्वपूर्ण योगदान की सभी ने सराहना की है. सभी को उम्मीद है की चक्रधरपुर में सखुआ करम उरांव महिला इंटर कॉलेज महिलाओं को शिक्षित करने में अग्रणी भूमिका निभाएगी. बहादुर उरांव ने महिला इंटर कॉलेज की पूरी जिम्मेदारी अपनी बेटी सीमा उरांव को सौंप दी है. बेटी सीमा उरांव बताती हैं की उनके बाबा बहादुर उरांव ने हमेशा जनता की सेवा भावना के साथ काम किया. इस कॉलेज की बड़ी जिम्मेदारी उनके कन्धों पर है और वह इसे अंतिम सांस तक निभाएगी.