चाईबासा : चक्रधरपुर के गिरिराज सेना प्रमुख कमलदेव गिरी ने कहा है कि सामाजिक कार्य करना गुनाह है तो उन्हें और उनके परिवार को प्रशासन जान से मार दे। वे अब चक्रधरपुर नगर परिषद् चुनाव नहीं लड़ेंगे। यह बातें उन्होंने शौंडिक धर्मशाला में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही। लगातार केस मुकदमों के कई मामलों में घिरते जा रहे कमलदेव गिरी ने आरोप लगाया है की उन्हें और उनके परिवार को सामाजिक कार्य करने और चुनाव लड़ने की सजा दी जा रही है। उनके विरोधियों के ईशारे पर प्रशासन उनपर झूठे मुकदमा दर्ज कर उनको चुनाव लड़ने से रोकने का षड्यंत्र रच रही है। मानसिक, आर्थिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। कमलदेव गिरी ने बताया की उनके घर में परिवार के चार सदस्य गंभीर रोग से पीड़ित हैं। बहन की शादी अगले माह होने वाली है। घर में कई तरह की परेशानी है। झूठे मुकदमें में उन्हें बार-बार फंसाए जाने से उनका घर सदमें में है। कमलदेव गिरी ने बताया की गिरिराज सेना के द्वारा महिलाओं को रोजगार देने से लेकर कमजोर लोगों के उत्थान का सामाजिक कार्य किया जाता है। संगठन का मूल मंत्र निस्वार्थ भाव से जनता की सेवा और और सहायता करना है। इस उद्देश्य के साथ गिरिराज सेना काम कर रही थी। लेकिन जैसे ही नगर परिषद् चुनाव सामने आने लगा है। उनपर एक के बाद एक झूठे केस लगने शुरू हो गए हैं। यह सब उनके प्रतिद्वंद्वियों के इशारे पर हो रहा है।आरोप लगाया गया कि जेल से छूटकर आने पर कुछ लोगों ने पटाखे फोड़े थे और स्वागत किया गया। इसके बाद दूसरा केस कर दिय गया। पहले तो प्रशासन की ओर से भीड़ जुटाने दी गई। भीड़ को पहले रोकनी चाहिए थी। घटना के बाद 30-40 पुलिस वाले घर पर आ थे। मां और बहन के साथ हदतमीजी की गी। उन्होंने कहा कि पूरे मामले को मानवाधिकार आयोग तक लेकर जाएंगे। जरूरत पड़ी तो हाई कोर्ट का भी दरवाजा खट-खटाएंगे।