चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम के जंगलों में आग धधक रही है। सारंडा से लेकर पोड़ाहाट जंगल हो या फिर कोल्हान का जंगल के सभी जगह में आग ही आग है। जंगलों में लग रही आग से जहाँ एक तरफ जिव-जंतू अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं वहीँ वन विभाग भी लगातार जंगलों में लग रही आग की घटना से परेशान हैं। पश्चिम सिंहभूम जिले के सारंडा, पोड़ाहाट और कोल्हान के जंगलों में आग लगी की घटना तेजी से हो रही है। वन सम्पदा पर खतरा मंडराने लगा है। जंगल के कीमती पेड़-पौधे और जंगली जानवर आग की लपटों के बीच झुलसने को मजबूर हैं। हाल के दिनों में जंगलों में आग लगने की घटना का ग्राफ अचानक से बढ़ा है। मार्च महीने की शुरुआत से जंगलों में तेजी से आग लगने की घटनाओं को दर्ज किया जा रहा है। वन विभाग के अधिकारी बतातें हैं की गर्मी के शुरुआत होते ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है की जंगलों में महुआ चुनने के लिए ग्रामीण महुआ पेड़ के नीचे आग लगाते हैं। जिसके कारण पतझड़ मौसम में गिरे पेड़ के सूखे पत्ते बेहद खतरनाक ज्वलनशील पदार्थ के रूप में जलने लगते हैं। इनमें आग इतनी तेजी से और भयावाह रूप में लगती और फैलती है की इसे बुझा पाना बेहद मुश्किल हो जाता है।