चाईबासा ।
पश्चिम सिंहभूम के टोकलो थाना क्षेत्र में लॉकडाउन में माता-पिता के साथ फंसी बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में चाईबासा व्यवहार न्यायालय ने 6 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सजा पानेवालों में महेंद्र बांकिरा, विजय बांकिरा, चंदन हांसदा, राजकुमार तांती, रावकन केराई और चुनमुन केराई शामिल हैं.
यह है मामला
घटना वर्ष 2020 एक मासूम बच्ची के साथ घटित इस घटना ने क्षेत्र के लोगों को झकझोर कर रख दिया था. तब देश में पहली बार कोरोना के कारण लॉकडाउन लगाया गया था. उसी दौरान अपने माता-पिता के साथ पश्चिम बंगाल के ईंट भट्ठे में काम करनेवाली नाबालिग बच्ची लॉकडाउन में फंसने के कारण अपने घर टोकलो नहीं जा पा रही थी. वह अपने माता-पिता के साथ रिश्तेदार के घर रहने पर विवश थी. उसी बीच 4 अप्रैल 2020 की शाम नाबालिग बच्ची जब शौच करने अपने घर से बाहर निकली तो उसके एक रिश्तेदार ने ही उसे जबरन पकड़ लिया. उसके बाद अपने पांच दोस्तों के साथ मिलकर बच्ची को झाड़ियों में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म की इस घटना को अंजाम दिया था. घटना के बाद बच्ची को धमकी दी गई थी कि यदि उसने दुष्कर्म करने की बात किसी को बताई तो उसकी हत्या कर दी जाएगी. उसके बाद बच्ची ने किसी तरह घुटघुट कर एक दिन बिताया, लेकिन दूसरे दिन उसने घटना की जानकारी अपनी मौसी को दे दी. उसके बाद बच्ची की मौसी बच्ची को लेकर टोकलो थाना गयी और पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी. मामला जिले के तत्कालीन एसपी इंद्रजीत माहथा तक पहुंचा. उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए घटना की त्वरित जांच करने की टोकलो पुलिस को निर्देश दिए. इस मामले में बच्ची के परिजनों के बयान पर थाना में पोस्को एक्ट और भादवि की धारा 376 डी के तहत टोकलो थाना में बच्ची के रिश्तेदार समेत महेंद्र बांकिरा, विजय बांकिरा, चंदन हांसदा, राजकुमार तांती, रावकन केराई और चुनमुन केराई के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने आगे की कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया. इस मामले में गहन छानबीन कर पुलिस ने सभी ठोस सबूतों के साथ गवाह भी जुटा लिए. उसी आधार पर अदालत ने आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.