चाईबासा : झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में नक्सल बंदी के दौरान एक के बाद एक घटना को अंजाम देकर चौतरफा दहशत कायम कर रहे हैं। देर रात लोटापहाड़ स्टेशन में बम लगाकर रेलवे ट्रैक उड़ाने के बाद अब नक्सलियों ने एक और घटना को अंजाम दिया है। चक्रधरपुर अनुमंडल के गोइलकेरा थाना क्षेत्र में एक छोटी सी पुलिया को लैंडमाइन विस्फोट कर उड़ा दिया। घटना को देर रात में ही आराहासा पंचायत के रेगाडबेरा गांव में अंजाम दिया गया। इलाका सुदूरवर्ती होने के कारण पुलिस को अहले सुबह घटना की सूचना मिली। सूचना मिलने पर गोइलकेरा के थाना प्रभारी विकास कुमार, सीआरपीएफ 60 बटालियन के सहायक कमांडेंट संजीत कुमार फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और घटना स्थल की जांच की। आराहासा जाने वाली जिस सड़क पर विस्फोट किया गया उससे करीब तीन किमी. की दूरी पर सीआरपीएफ 157 बटालियन का कैम्प है। सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि रात करीब रविवार 10 बजे जोरदार धमाका हुआ था। सुबह सुरक्षा बलों को पुलिया के उड़ाए जाने की जानकारी मिली। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि रात में 5 से 6 किमी. दूर तक इसकी गूंज सुनाई दी थी। यही नहीं पुलिया जहाँ उड़ाया गया वहां से कुछ दूरी पर सरबिल-सड़क पर नक्सलियों ने 26 अप्रैल को आहूत बंद को सफल बनाने का आह्वान करते हुए बैनर के नीचे आईईडी बम लगाया। सड़क के बीचों बीच बैनर बांधकर बम लगा दिए जाने से सड़क मार्ग पर घंटों आवागमन ठप रहा। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने बम और नक्सली बैनर को बरामद कर लिया। झारखंड जगुआर के बम निरोधक दस्ते के द्वारा सतर्कता के साथ दो किलो वजन के जिंदा बम को बरामद किया गया। जिसे थोड़ी दूर जंगल में ले जाकर विस्फोट कर नष्ट कर दिया। माओवादियों ने जिले के जंगली ईलाकों में पोस्टरबाजी कर दहशत फैलाने की भी कोशिश की। नक्सलियों द्वारा आराहासा सड़क के अलावा कितापी, कुईड़ा और गितिलपी में भी सड़क पर बैनर पोस्टर लगाया गया। सूचना मिलने पर गोइलकेरा पुलिस ने सभी बैनर पोस्टर को बरामद कर लिया।
नक्सलियों ने किया है आज बंद का आह्वान
नक्सलियों ने 26 अप्रैल को बंद का आह्वान कर रखा है। इस दौरान अपनी मौजूदगी का अहसास कराने के लिए लगातार माओवादी संगठन के के बाद एक वारदात को अंजाम दे रहे हैं। दहशत फैला रहे हैं गोईलकेरा का यह इलाका घोर नक्सल प्रभावित इलाका है। सुदूर जंगली इलाका होने के कारण नक्सलियों को पनाह लेने में सहूलियत होती है। ग्रामीण भय से कुछ नहीं बोल पाते। इस इलाके में सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सली लैंड माइन का इस्तेमाल करते हैं।