चाईबासा।
झारखण्ड सरकार के द्वारा अल्पसंख्यक भाषाई विसंगति और उर्दू के साथ किये जा रहे दुर्व्यवहार से क्षुब्ध होकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने चक्रधरपुर प्रखंड मुख्यालय में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. इस धरना प्रदर्शन में भाजपा नेता सह पूर्व अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष अशोक षडंगी भी शामिल हुए. सभी ने कहा की मौजूदा सरकार अल्पसंख्यक भाषाओं के साथ न्याय नहीं कर रही है. अगर जल्द सरकार ने अपना रवैया नहीं बदला तो सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा.
पिछले कुछ दिनों से उर्दू भाषा और उर्दू स्कुल व उर्दू, बंगाली, उड़िया शिक्षकों को लेकर लगातार झारखण्ड में चल रहे विवाद व षड्यंत्र से मुस्लिम समुदाय और उड़िया व बंग भाषी समाज के लोग नाराज हैं. इसी को लेकर चक्रधरपुर प्रखंड कार्यालय में मंगलवार को धरना प्रदर्शन किया गया. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बताया है की मिडिया की ख़बरों को आधार बनाकर राज्य के 350 उर्दू स्कूल के नाम से स्कूल शब्द हटा दिया, 509 स्कूल से शुक्रवार को होने वाली साप्ताहिक छुट्टी भी बंद करवा दी गयी. 459 स्कुल के अल्पसंख्यक छात्रों को हाथ जोड़कर प्रार्थना करने पर मजबूर किया जा रहा है. उर्दू स्कुल के शिक्षकों का तबादला कर दिया जा रहा है. जिससे उर्दू स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है.
धरना प्रदर्शन में मौजूद भाजपा नेता सह अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक षडंगी ने भी माना के उर्दू भाषा के साथ झारखण्ड सरकार ज्यादती कर रही है. सिर्फ उर्दू ही नहीं राज्य के अल्पसंख्यक भाषा में मौजूद उड़िया और भागली भाषा के साथ भी यही हो रहा है. अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष रहने के दौरान उन्होंने भाषाई एकेडमी बनाने को लेकर सरकार को लिखा था लेकिन सब ठन्डे बस्ते में है जिससे अल्पसंख्यक शिक्षा व्यवस्था पतन की ओर जा रहा है. वहीँ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा की मुस्लिम चेहरा लाकर वोट बटोरने वाली सरकार को आने वाले समय में सबक सिखाया जायेगा.