चाईबासा।
चक्रधरपुर प्रखंड कार्यालय से 25 किलोमीटर दूर होयोहातू पंचायत के एक पहाड़ पर कोटसोना गांव बसा है। गांव में एक पक्की सड़क तक नहीं है। गांव निवासी गर्भवती महिला शुक्रमुनि हेंब्रम को प्रसव पीड़ा हुई और अचानक तबीयत बिगड़ गई। गांव जाने के लिए सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों की मदद से गर्भवती महिला को खटिया में लिटा कर करीब ढाई किलोमीटर पैदल चलते हुए मुख्य सड़क तक लाया गया। जिसके गांव के बुद्धिजीवी बहादुर लोहार एवं मुखिया रघुनाथ गुंदुवा ने 108 एंबुलेंस से गर्भवती महिला को एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती किया गया। जहां महिला की इलाज चल रही है उक्त महिला साडे 3 माह की गर्भवती है।
बुधवार की सुबह महिला के पति चंपाई हेंब्रम ने बताया कि गांव में पक्की सड़क नहीं होने के कारण गर्भवती महिला व बीमार लोगों को कंधे या खटिया के सहारे इलाज के लिए मुख्य सड़क तक लाया जाता है। उन्होंने कहा कि जब उनकी पत्नी शुक्रमुनि हेंब्रम को प्रसव पीड़ा हुई तो वह मजदूरी करने गया था। लेकिन ग्रामीणों ने मदद करते हुए मेरे बीमार पत्नी को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसका इलाज चल रहा है वह ठीक है। उन्होंने प्रशासन एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से कोटसोना गांव जाने के लिए 2.5 किलोमीटर पक्की सड़क बनाने के लिए आग्रह किया है।
कोटसोना गांव में 200 से अधिक परिवार रहते हैं। कोटसोना गाँव को जिले का अत्यंत पछडे हुए गाँव में शामिल है। जिसके कारण गांव के लोगों को मूलभूत सुविधा तक नहीं मिल पा रही है। स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है की लोगों की इस समस्या को देखते हुए गांव में एक पक्की सड़क का निर्माण सरकार द्वारा कराया जाए।