चाईबासा।

चक्रधरपुर के बोड़दा पुल के पास अपनी कार से रौंदकर सात गरीब आदिवासियों की जान लेने वाले युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव सौरभ अग्रवाल को आठ साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी है. साथ ही कोर्ट ने सौरभ अग्रवाल पर एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है. चाईबासा के जिला सत्र न्यायालय में प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला की कोर्ट ने चक्रधरपुर के बहुचर्चित हिट एंड रन के मामले में यह बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने दो मामलों में फैसला सुनाते हुए सजा सुनाया है.
जानकारी के अनुसार कोर्ट ने सौरभ अग्रवाल पर धारा 304 पार्ट 2 के तहत 8 साल का कारवास और 50 हजार रूपये जुर्माना लगाया है. वहीँ धारा 427 के तहत 2 साल की सजा और 50 हजार रूपये का जुर्माना लगाया गया है। दोनों मामले में अगर जुर्माने की रकम अदा नहीं की गयी तो एक-एक साल का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गयी है. कुल मिलाकर सौरभ अग्रवाल को कोर्ट से 10 साल के सश्रम कारावास के साथ एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गयी है. हालाँकि दोनों मामलों में सुनाई गयी सजा एक साथ चलेगी इसलिए हिट एंड रन के दोषी सौरभ अग्रवाल को 8 साल ही जेल में बिताना पड़ेगा.
कोर्ट के इस फैसले को राज्य में बढ़ रहे सड़क हादसे और लोगों की जा रही जान के परिपेक्ष्य में एक बड़ा फैसला माना जा रहा है. जिससे सड़क पर लापरवाही से वाहन चलाने वालों और सड़क जान लेने वालों पर लगाम कसा जा सकेगा. बता दें की सौरभ अग्रवाल पश्चिम सिंहभूम जिले के बस ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल के बेटे हैं. सौरभ अग्रवाल बालू का कारोबारी भी है. यही नहीं सौरभ अग्रवाल खुद को हवाई जहाज का पायलट भी बताता है. लोग बताते हैं की सौरभ अग्रवाल के पिता प्रदीप अग्रवाल का राज्य सरकार में अच्छी पहुँच भी है.
इतनी बड़ी पहुँच और प्रभावशाली व्यक्तित्व होने के बावजूद कानून के शिकंजे से सौरभ अग्रवाल को कोई नहीं बचा सका. सौरभ अग्रवाल को तमाम गवाहों और पुख्ता सबूतों के आधार पर अपनी कार से रौंदकर सात लोगों की जान लेने के लिए आठ साल की सजा और एक लाख रूपये जुर्माना की सजा सुनाई गयी है. निश्चित तौर पर जिला सत्र प्रधान न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला की कोर्ट से आये इस फैसले से उन गरीब आदिवासी परिवार के लोगों को न्याय और राहत मिला होगा जिनके परिवार के लोगों को सौरभ अग्रवाल ने अपनी कार से कुचल दिया था.

हालांकि इस फैसले को आने में पांच साल का लम्बा वक्त लग गया लेकिन फिर से देश के कानून ने साफ़ कर दिया की न्याय के मंदिर में देर है अंधेर नहीं. इस फैसले के बाद सौरभ अग्रवाल के वकील हाई कोर्ट जा सकते हैं. हाई कोर्ट से इस मामले में सौरभ को राहत मिलेगी या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन अब जो फैसला आया है उससे लोगों में एक बड़ा सन्देश गया है.
बता दें की वर्ष 2018 के 3 मार्च को कांग्रेस प्रदेश युवा सचिव सौरभ अग्रवाल ने कार से कुचलकर 7 लोगों की जान ले ली थी. यह सड़क हादसा इतना भयावाह था की घटना स्थल का मंजर देख लोग सिहर उठे थे. इस सड़क हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया था. 3 मार्च 2018 की शाम हाटगम्हरिया और गोईलकेरा के दो आदिवासी परिवार शादी की रस्म निभाने के लिए चक्रधरपुर के बोड़दा पुल के किनारे ऐराबोंगा नामक पूजा कर रहे थे. पूजा में करीब 20 लोग मौजूद थे.
इसी दौरान तेज रफ्तार से कार चलाते हुए सौरभ अग्रवाल ने अपनी कार पूजा स्थल में घुसेड़ दी थी. तेज रफ़्तार में कार पूजा कर रहे 15 लोगों को रौंदते हुए मवेशियों की तरह कुचल दिए गए थे. इस सड़क हादसे में 7 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि 8 लोग घायल हो गए थे. इस हादसे के बाद खूब हंगामा मचा था. लोगों ने सौरभ अग्रवाल पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की थी. हंगामे के बाद सौरभ अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया था. करीब 5 साल बाद अब जाकर मामले में फैसला आया है. चक्रधरपुर के बहुचर्चित हिट एंड रन के दोषी सौरभ अग्रवाल को कोर्ट ने 8 साल सश्रम कारावास की सजा के साथ एक लाख रुपये जुरमाना की सुनाई है.