चाईबासा : हो भाषा, लिपि और हो साहित्य के विकास के प्रति समर्पित हो साहित्यकार डोबरो बुड़ीउली को सम्मानित किया गया। ऑड्रे हाउस, रांची में पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, कोलकाता और सांस्कृतिक मंत्रालय, भारत सरकार एवं सांस्कृतिक कार्य निदेशालय, झारखंड सरकार के संयुक्त तत्वावधान में दस दिवसीय ट्राइबल पेंटिंग कार्यशाला आयोजित किया गया था। समापन समारोह पर झारखंड के जनजातीय समुदाय के चुनिंदे साहित्यकार, लेखक, कवि, चित्रकार एवं पत्रकारों को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में डोबरो बुड़ीउली भी शामिल थे। इस सम्मान समारोह में कोल्हान प्रमंडल से चाईबासा के डोबरो बुड़ीउली को लाको बोदरा को साहित्य भाषा-संस्कृति सम्मान 2021 से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी के हाथों दिया गया। डोबरो को यह सम्मान आदिवासी हो भाषा वारङ क्षिति लिपि के विकास, कला-संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन, साहित्य सृजन और कविता लेखन में विशेष योगदान के लिए प्रदान किया गया। सम्मान प्राप्त करने के बाद साहित्यकार बुड़ीउली ने कहा कि हो समाज को लाको बोदरा की ओर से अंवेषित गौरवमयी वारङ क्षिति लिपि पढ़ना, लिखना और सीखना चाहिए ताकि हो भाषा की पहचान अक्षुण्ण बनी रहे। बता दें कि सदर प्रखंड के बरकुंडिया गांव निवासी डोबरो बुड़ीउली सीमित संसाधन और तमाम कठिनाईयों के बावजूद हो भाषा व इसकी लिपि के संवर्द्धन की कवायद में पिछले तीस सालों से जुटे हैं।