चाईबासा : बिजली विभाग के संबंधित अधिकारी और कर्मचारी कैसे लापरवाही से काम करते हैं इसका जीता जागता उदाहरण चक्रधरपुर के चैनपुर भालीयाडीह गांव में देखने को मिला है। गांव में एक बार छह साल की बिजली बिल भेज दी गई। कुछ दिनों के बाद जब बिजली बिल का भुगतान गांव के लोगों ने नहीं किया, तब विभाग की ओर से गांव की ही बिजली काट दी गई। बुधवार को विभाग के अधिकारी ने कार्यालय में बुलाया था, लेकिन वे ही खुद नदारद थे। पूरे मामले में पूर्व विधायक शशिभूषण सामड का कहना है कि यह कहां का न्याय है।
15 से 17 हजार भेजी बिजली बिल
भालीयाडीह गांव में बिजली विभाग से जो बिल भेजी गई है उसमें प्रति ग्रामीण के नाम से 15 से 17 हजार रुपये की बिजली बिल भेजी गई है। गांव में कुल 150 बिजली उपभोक्ताओं ने कनेक्शन लिया है। बिजली बिल काटे जाने से गांव के लोगों को भारी परेशानी हो रही है। वर्तमान में गांव में मागे पर्व की तैयारियां जोरों पर चल रही है।
भाजपा ने बिजली दी और झामुमो ने छीन लिया : सामड
झामुमो के पूर्व विधायक शशिभूषण सामड ने ग्रामीणो का पक्ष लेते हुए कहा कि गांव में भाजपा ने बिजली दी, लेकिन झामुमो ने अपने शासनकाल में छीन लिया। एक बार में छह साल की बिजली बिल थमा देना और बिजली काट देना यह कहां का न्याय है। कोरोना काल का बिजली बिल माझ करने का आश्वासन सरकार ने दिया था, लेकिन अबतक ऐसा नहीं हुआ था।
तीन साल से खराब था गांव का ट्रांसफारमर
गांव के लोगों का कहना है कि भालीयाडीह गांव में तीन सालों से ट्रांसफारमर खराब था। तब का भी बिजली बिल जोड़ दिया गया है। शशिभूषण सामड का कहना है कि अगर बिजली कनेक्शन नहीं जोड़ा जाता तो वे ग्रामीमों के साथ बिजली कार्यालय में ताला बंदी करने को बाध्य हो जाएंगे। इसके बाद आगे चलकर और बड़ा आंदोलन करने की भी चेतवनी दी है।