Home » पेड़ों को अपने बेटे की तरह प्यार करते हैं चक्रधरपुर के रेलकर्मी एके पांडे, बेटे की याद में हर साल लगाते हैं वृक्ष, करते हैं संरक्षण और देखभाल
पेड़ों को अपने बेटे की तरह प्यार करते हैं चक्रधरपुर के रेलकर्मी एके पांडे, बेटे की याद में हर साल लगाते हैं वृक्ष, करते हैं संरक्षण और देखभाल
पेड़ों से प्यार करने वाले यह सज्जन हैं एके पांडे, जो चक्रधरपुर रेल मंडल के बिजली विभाग के टीआरडी सेक्शन में कार्यरत एक रेलकर्मी हैं. उनके पुत्र अंकित पांडे का कुछ साल पहले निधन हो गया था. अपने नाबालिग बेटे के शव को कंधा देने का सबसे बड़ा दुख औरे गम इस पिता ने ढोया है. उनके लिए बेटे को खोने का गम बहुत बड़ा है, लेकिन इस गम से उबरने में उनकी इन्हीं बेजुबान पेड़ पौधों ने मदद की. एके पांडे ने बेटे की याद में वर्ष 2019 से पौधारोपण शुरू किया. उन्होंने बेटे के जन्मदिन पर हर साल 23 सितंबर के दिन पौधारोपण किया, इस कार्य में उनके साथ और भी लोग जुड़ते चले गए. एके पाण्डेय की मानें तो इन पेड़ों में वे अपने बेटे अंकित पांडे को देखते हैं. उन्होंने अपने बेटे की तरह इन पेड़ों को लगाया है और सींचा है. वे जब भी इन पेड़ों को देखते हैं, पेड़ों की हरियाली को देखते हैं, पेड़ में हो रहे विकास को देखते हैं तो उन्हें बहुत खुशी मिलती है. वे पेड़ों की टहनियों को छूते हैं, पत्तियों को संवारते हैं. इतना सब कुछ इसलिए क्योंकि वे इन पेड़ों में अपने बेटे अंकित को देखते हैं.
Jamshedpur : हमारे पर्यावरण के संरक्षण के लिए पेड़-पौधों का काफी महत्व है. केवल पर्यावरण ही नहीं, बल्कि हम इंसानों की भी जान इन्हीं पेड़ पौधों की वजह से बची हुई है. इन्हीं पेड़ पौधों से हमें ऑक्सीजन मिलती है और हम जीवित हैं, लेकिन हम इंसान बदले में इन पेड़ पौधों को क्या देते हैं ? यह बड़ा सवाल है. चक्रधरपुर में एक शख्सियत ऐसा है, जो पेड़ों को अपने जिगर का टुकड़ा समझता है. अपने बेटे की तरह प्यार करता है पेड़ों को. पेड़ की पत्तियों और टहनियों को छूकर अपने प्यार का तरंग पेड़ को देता है. पेड़ के साथ एक इंसान का यह स्नेह हम शब्दों से बयां नहीं कर सकते. बस इसके पीछे की कहानी हम आपको बता देते हैं.
हर दिन करते हैं पौधों की देखभाल
चक्रधरपुर रेलवे क्षेत्र के सड़क किनारे इन्होंने कई जगह पौधारोपण किया है. ना सिर्फ उन्होंने पौधे लगाए, बल्कि पौधों के संरक्षण का भी पूरा ख्याल रखा और हर दिन पौधों की समय निकालकर देखभाल भी करते हैं. आज उनमें से कई पेड़ ऐसे हैं जो उनसे कई गुना ज्यादा लंबे और फलदार होने के साथ छायादार वृक्ष बन चुके हैं. जाहिर तौर पर जब एक इंसान का पेड़ों पौधों से ऐसा प्यार और लगाव देखने को मिलता है तब सही मायने में पर्यावरण संरक्षण सार्थक होता हुआ नजर आता है.