Saraikela : सरायकेला जिले के चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय में आपदा प्रबंधन की समस्या के समाधान को लेकर बैठक का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता स्थानीय विधायक सविता महतो ने की. इस बैठक में सुवर्णरेखा बांध प्रमंडल संख्या-2 के सहायक अभियंता, पुनर्वास पदाधिकारी चांडिल, अनुमंडल क्षेत्र के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, पुलिस निरीक्षक, सभी थाना प्रभारी, जिला परिषद सदस्यगण, एवं विस्थापित सैकड़ों संख्या में उपस्थित थे. बैठक में चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी शुभ्रा रानी ने बतायी कि आगामी बरसात में चांडिल डैम के विस्थापितों को सुरक्षित रखना है. किसी भी विस्थापित परिवार का मकान नहीं डूबने दिया जाएगा और न जान माल की क्षति होगी. इस दौरान यह भी सवाल उठा कि हर साल आपदा प्रबंधन कि बैठक होती है. चांडिल डैम बनकर 30-40 साल हो गया और प्रति साल विस्थापितों का मकान आदि डूब जाता है. सुवर्णरेखा परियोजना चांडिल में 116 गांव विस्थापित हुआ है. (नीचे भी पढ़ें)
सुवर्णरेखा परियोजना चांडिल द्वारा RL 183 में 44 गांव का ही अब तक भुगतान एवं विकास पुस्तिका आदि दिया जा रहा है. अब तक 72 गांव का विकास पुस्तिका नहीं दिया गया है, जबकि सुवर्णरेखा परियोजना चांडिल बांध द्वारा विभिन्न कंपनियों को जल दिया जाता है. इसके एवज में अब तक अरबों रुपया राजस्व बकाया है. ये रुपया कंपनी से वसूली करने से 10-20 गांव का भुगतान हो जायेगा. साथ ही चांडिल मत्स्यजीवी स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड का पास भी एक करोड़ रूपया बकाया है फिर भी नाव परिचालन हो रहा है. इस पर चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी शुभ्रा रानी एवं चांडिल सुवर्णरेखा बांध प्रमंडल संख्या-2 के सहायक अभियंता कुमार हिमालय ने बताया कि रांची उच्च न्यायालय में मामला चल रहा है, माननीय उच्च न्यायालय रांची का आदेश आने पर वसूली किया जाएगा.