जमशेदपुर/सरायकेला/चाईबासा : बिहार के साथ-साथ झारखंड में भी छठ पर्व की महत्ता लोग समझने लगे हैं. यहां पर कोने-कोने में छठ महापर्व मनाया गया. जहां गुरुवार की शाम को डूबते सूर्य को छठ व्रतियों ने अर्घ्य दिया वहीं दूसरे दिन शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपना निर्जला व्रत पूरा किया. झारखंड के कोल्हान में जगह-जगह पर महापर्व छठ मनाया गया. इस दौरान नदी, तालाब व कृत्रिम तालाबों में आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा था. श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से शीष झुकाकर छठ व्रतियों से आर्शीवाद भी लिया.
राजधानी रांची में छठ पर्व
राजधानी रांची में चतुर्थ दिवसीय सूर्य उपासना महाव्रत छठ पर्व उदयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न हो गया. पारिवारिक कल्याण एवं मनोवांछित कामना की प्राप्ति लिए व्रर्ती के साथ-साथ सपरिवार राजधानी रांची के विभिन्न छठ घाटों और घर में बनाया गया. कृत्रिम जलाशय में संध्या और सुबह का अर्ध्य देकर भगवान सूर्य के प्रति निष्ठा समर्पण भाव के साथ आस्था प्रकट किया गया. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी अस्ताचलगामी सूर्य को राजधानी रांची स्थित हटानिया तालाब में संध्या अर्ध्य दिया और झारखंडवासियों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की.
पश्चिमी सिंहभूम
झारखंड के पश्चिम सिंहभूम में भी आस्था का महापर्व छठ धूमधाम से मनाया गया. गुरूवार शाम को अस्ताचलगामी भगवान् भास्कर को अर्ध्य देने के बाद शुक्रवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पर्व समपन्न हुआ. चाईबासा, चक्रधरपुर, मनोहरपुर, गोइलकेरा, सोनुआ, किरीबुरू, जगन्नाथपुर, डांगुवापोशी आदि ईलाकों में छठ पर्व पूरे उत्साह और भक्तिभावना के साथ मनाया गया. छठ घाटों पर इस दौरान छठ व्रतधारियों, श्रद्धालुओं समेत भक्तों का जनसैलाब देखने को मिला. लोग अपने अपने घरों से सूप में पूजन की सामग्री को लेकर नदी घाटों पर पहुंचे और भगवान सूर्य देव की उपासना की. चक्रधरपुर, चाईबासा सहित अन्य क्षेत्रों में नदी घाट पर अर्घ्य देने के लिए के विभिन्न गली-मुहल्लों से छठ व्रती छठ गीत गाते हुए श्रद्धालुओं के साथ पहुंचे थे. चक्रधरपुर के बोड़दा नदी घाट पर भी छठ पर्व मानाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है. यहाँ संस्कार भवन और चक्रधरपुर के बंगाली एसोसिएशन के द्वारा श्रद्धालुओं के लिए लाईट की व्यबस्था, अस्थायी चेंजिंग टेंट, चाय बिस्कुट, पूजन के लिए दूध, हलुआ प्रसाद की व्यवस्था की गयी थी. इसके अलावे छठ घाटों की भी साफ़ सफाई संस्था के द्वारा की गयी थी.
सरायकेला-खरसावां में भी रही छठ पूजा की धूम
महापर्व के दौरान छठ घाट नदी तट पर आस्था का सैलाब देखने को मिला. नदी और तालाबों में छठ व्रतियों के श्रद्धा का विहंगम दृश्य देखने को मिला. शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ व्रतियों ने पूरे विधि-विधान से छठी मैया की पूजा-अर्चना की. इसके बाद व्रत का पारण किया. व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास खत्म हुआ. लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा में लोगों ने अपने-अपने घरों में बनाए गए कृत्रिम एवं वैकल्पिक छठ घाटों पर भी अर्घ्य देकर भगवान भास्कर की पूजा आराधना की.
मानगो, सोनारी, बागबेड़ा व नरवा में उमड़ा आस्था का जन सैलाब
इधर जमशेदपुर की बात करें तो मानगो, नरवा, सोनारी और बागबेड़ा के नदियों में लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा था. यहां पर श्रद्धालुओं की छटा देखते ही बन रही थी. इस बीच विभिन्न संस्थाओं की ओर से छठ व्रतियों की सेवा के लिए शिविर भी लगाए गए थे.
हल्दीपोखर छठ घाट पहुंचे अर्जुन मुंडा
पोटका के हाता, हल्दीपोखर, कोवाली रसुनचोपा आदि क्षेत्रों में उगते सूर्य को अर्घ्य देकर धूमधाम के साथ छठ संपन्न हो गया. 36 घंटे का निर्जला उपवास रखकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर अपने मनोवांछित फल की कामना की. छठ वृत्तियों का कहना है कि इस कठिन व्रत का पालन करने से निःसंतान को संतान तथा अपने पुत्र एवं पति की रक्षा तथा धन-जन रक्षा को लेकर इस व्रत का पालन करते हैं. हल्दीपोखर छठ घाट में पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भाजपा प्रत्याशी मीरा मुंडा, मनोज सरदार, जिला परिषद सूरज मंडल, दुलाल मुखर्जी, मुखिया देवी कुमारी आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे. इस दौरान छठ व्रतियों के घाट तक पहुंचाने के लिए शाह स्पंज एन्ड पावर लिमिटेड द्वारा साफ-सफाई और घाटों को दुरुस्त किया गया था. साथ ही साथ लाइट सज्जा आदि का प्रबंध किया गया था. कोवाली थाना प्रभारी धनंजय कुमार पासवान चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती कर स्वयं मुस्तैद थे.