जमशेदपुर : केद्र सरकार पर कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसानों के साथ-साथ मज़दूर वर्ग भी आंदोलन कर रहा है। इसी कड़ी में मजदूर संगठन भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) आज आठ जनवरी को राष्ट्रीय विरोध दिवस मना रहा है। मजदूर वर्ग के देशव्यापी इस कार्यक्रम के तहत सीटू की कोल्हान समिति द्वारा जमशेदपुर के उपायुक्त को प्रधानमंत्री के नाम 10 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया। इससे पूर्व ट्रेड यूनियन के सदस्यों ने आमबगान से लेकर साकची गोलचक्कर तक पदयात्रा किया और साकची गोलचक्कर पर पहुँच कर प्रदर्शन किया।
वैसे सीटू के कार्यकर्ताओं द्वारा सत्याग्रह कर गिरफ्तारी देने का कार्यक्रम रखा गया था परंतु जिला प्रसाशन द्वारा इसके लिए इजाजत नहीं मिलने के कारण उक्त कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। सीटू की 10 सूत्री मांगो में सभी चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने, तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने, बिजली बिल 2020 को वापस लेने, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण बंद करने, सभी गैर आयकर दाता परिवारों के लिए 7500 रुपये प्रति माह का नकद हस्तांतरण सुनिश्चित करने, सभी जरूरतमंदों को 10 किलो खाद्यान्न प्रति व्यक्ति प्रति माह सुनिश्चित करने, कम से कम 700 रुपये दैनिक मजदूरी के साथ 200 दिन मनरेगा के तहत काम कानूनी रूप से लागू रोजगार गारंटी योजना का शहरी क्षेत्रों में विस्तार करने, एनपीएस निरस्त कर पुरानी पेंशन प्रणाली को लागू करने, सभी को सामाजिक सुरक्षा देने समेत मुफ्त कोविड टीकाकरण सहित सार्वभौमिक निशुल्क स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने की मांगे शामिल है।