रांची : खलारी के चामा में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा रांची जिले के तत्वावधान में आज एक बैठक की गई. बैठक में झारखंड आंदोलनकारी को जीते जी राजकीय मान सम्मान, अलग पहचान, बेटा बेटी के लिए रोजी रोजगार एवं नियोजन की गारंटी तथा जेल जाने की बाध्यता समाप्त करते हुए सभी आंदोलनकारियों को सम्मान पेंशन राशि 50-50 हजार रुपये देने तथा झारखंड आंदोलनकारी कल्याण बोर्ड गठन करने की मांग की गई. 24 अप्रैल 2025 को रांची विधानसभा स्थित विधायक कल्ब में झारखंड आंदोलनकारियों के स्वाभिमान से जीने एवं मरने के अधिकार के सवाल को लेकर सम्मेलन का आयोजन करने का निर्णय लिया गया.
सीएम आंदोलनकारियों का दुख-दर्द समझें
मौके पर मुख्य अतिथि झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड आंदोलनकारियों के वक्ता बनें. उनके दुख-सुख का साथी बनें. उन्हें समझे एवं उनकी समस्याओं का समाधान करें. आंदोलनकारियों का गौरव पुत्र होने का फर्ज अदा करें. केंद्रीय सचिव दिनेश राम ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों को अपने अस्तित्व एवं अस्मिता की लड़ाई स्वयं लड़नी है. अपने संघर्ष की धार को कभी कम न होने दे और जीवन में निराश ना हो. आपका उत्साह ही जीत का कारण है.
मान-सम्मान से वंचित हैं महिलाएं
विशिट अतिथि दक्षिणी छोटा नागपुर प्रमंडल के सह प्रभारी अनथन लकड़ा ने कहा कि झारखंड जिन संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए हुआ है. आज वे अधूरे हैं इसलिए हमें अपना संघर्ष जारी रखना है. संयोनिका पुष्पा बरदेवा प्रमुख ने कहा कि झारखंड अलग राज्य की लड़ाई में महिलाओं का भी योगदान बहुत बड़ा रहा है लेकिन जो मान सम्मान महिलाओं को मिलना चाहिए आज भी वंचित है. आंदोलनकारी के रूप में आंदोलनकारियों के सम्मान से ही राज्य का सम्मान है. सरकार का मान है.
बैठक में ये थे मौजूद
बैठक में सुजीत कुमार राम, महावीर गंझू,बिंदे राम, बुटन गंझू, शिव बालक लोहरा, शंकर उरांव, आबिद अंसारी, बुद्धमनी देवी, एतवारी देवी, फिलमोन, बेंजामिन तिर्की तेजू उरांव, महेंद्र लोहरा, महेश लोहरा, भूटन गंझू, चुंदा उरांव, सुखी उरांव आजि मौजूद थे.