JHARKHAND POLITICS :गांडेय में होने वाली उप चुनाव भाजपा के लिए चुनौती से कम नहीं है. इस सीट पर झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और भाजपा के दिलीप कुमार वर्मा के बीच मुकाबला होगा. इंडिया गठबंधन गांडेय सीट से मजबूत स्थिति में है. यहां से भाजपा को चुनाव जितना आसान नहीं होगा. भले ही भाजपा की ओर से इस सीट पर 1995 और 2014 में परचम लहराया गया था, लेकिन इस बार आसान नहीं है. पिछले आंकड़े पर प्रकाश डाले तो इस सीट पर झामुमो की ही तुती बोलती है.
1995 की बात करें तो भाजपा की टिकट पर लक्ष्मण सोरेन विधायक बने थे. दूसरे नंबर पर झामुमो के सालखन सोरेन थे. 2014 में प्रो. जयप्रकाश वर्मा भाजपा की टिकट पर विधायक बने थे. तब भी झामुमो के सालखन दूसरे नंबर पर थे. इस बार गांडेय सीट पर प्रो. जयप्रकाश वर्मा के भतीजे को ही टिकट दिया गया है.
1980 में भी विधायक बने थे सरफराज अहमद
2019 में सरफराज अहमद को गांडेय सीट से विधायक बने ही थे. इसके पहले वे 1980 और 2009 में भी इस सीट से विधायक रह चुके हैं.
सालखन सोरेन 9 बार चुनाव लड़े और 4 बार बने विधायक
गांडेय में सालखन सोरेन को एक कद्दावर नेता के रूप में जाना जाता है. उन्होंने इस सीट पर झामुमो की टिकट पर 8 बार और एक बार निर्दलीय चुनाव लड़ा था और 4 बार विधायक बने थे. सिर्फ 2019 में चुनाव नहीं लड़े थे क्योंकि यह सीट कांग्रेस के कोटे में चली गई थी. सालखन सोरेन 1985, 1990, 2000 और 2005 में विधायक बने थे.