जमशेदपुर : घाघीडीह जेल में हुए परमजीत सिंह हत्याकांड मामले में कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। एडीजे 13 प्रभाकर सिंह की कोर्ट में बहस होने के बाद अदालत ने 12 मार्च को फैसला सुनाने की तिथि मुकर्रर की है। इसमें सरकारी अधिवक्ता और अखिलेश सिंह के अधिवक्ता विद्या सिंह के बीच जिरह हुई। सभी गवाहों और जांच रिपोर्ट के तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
हरपाल सिंह के बयान पर गैंगस्टर अखिलेश सिंह पर परमजीत सिंह की हत्या कराने का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन पिछले दिनों गवाही में हरपाल सिंह हीरे ने अखिलेश सिंह को पहचानने से इनकार कर दिया था। उसने बताया कि जिस अखिलेश सिंह के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, वह अखिलेश सिंह कोई और था। वहीं, बहस के दौरान अधिवक्ता विद्या सिंह ने कहा कि परमजीत सिंह की हत्या के बाद उसके समर्थकों ने बदले की भावना से घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंदी गौतम सिंह की भी हत्या कर दी थी। गौतम सिंह की हत्या में किसी के खिलाफ चार्जशीट नहीं किया गया है और न ही कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई है। मालूम हो कि वर्ष 2009 को घाघीडीह केंद्रीय कारा में परमजीत की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के प्रतिशोध में परमजीत सिंह गैंग के समर्थकों ने जेल में बंद अखिलेश सिंह गिरोह के गौतम सिंह की पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था।