जमशेदपुर।
उपायुक्त विजया जाधव से उनके कार्यालय कक्ष में बैंक ऑफ इंडिया के जोनल मैनेजर, जमशेदपुर जोन अनुज कुमार अग्रवाल ने शिष्टाचार मुलाकात किया । इस दौरान उपायुक्त ने सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन में बैंकों की भूमिका, जिला प्रशासन को अपेक्षित सहयोग तथा कुछ बैंकों द्वारा बरती जा रही शिथिल रवैये से अवगत कराया जिसपर जोनल मैनेजर ने अपेक्षित कार्रवाई को लेकर आश्वस्त किया । कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें आदिम जनजाति सबर एवं बिरहोर के वैसे लाभुक जिनके पास बैंक खाता अभी तक नहीं है, वैसे सभी प्रखंडो में बीडीओ से समन्वय स्थापित करते हुए कैम्प मोड में बैंकों द्वारा खाता खुलवाने की बात कही गई। उपायुक्त ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जिले में निवासरत 5259 आदिम जनजाति परिवारों के 20178 सदस्य में से करीब 6035 लाभुकों को ही पेंशन योजना का लाभ मिल पा रहा है । उन्होने सबर एवं बिरहोर परिवारों के बच्चों के भी बैंक खाता खोलने की बात कही ताकि छात्रवृत्ति की राशि उन्हें प्रदान की जा सके । उन्होने कहा कि चूंकि यह मामला समाज के अति दुर्बल एवं आदिम जनजाति से सम्बन्धित है इसलिए इसपर संवेदनशील प्रयास करने की आवश्यकता है।
उपायुक्त द्वारा स्कूली बच्चों के बैंक खाता खोलने में आ रही समस्या तथा कुछ बैंकों के लापरवाह रवैये को भी रखा गया । करीब 6000 बच्चे शेष हैं जिनका बैंक खाता अभी तक नहीं खुल पाया है । बैंक ऑफ इंडिया, गोहालडांगरा शाखा, चाकुलिया प्रखंड में आम जनता का बैंक खाता खोलने में लापरवाही की शिकायत हो या उसी शाखा में बच्चों का बैंक खाता खोलने में प्रबंधन की आनाकानी सभी से जोनल मैनेजर को अवगत कराया गया जिसपर उन्होने यथाशीघ्र यथोचित कार्रवाई को लेकर आश्वस्त किया। उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि बैंकिग प्रकिया आम जनता के लिए सरल हो इसके लिए बैंक प्रबंधन प्रयास करें, आम जनता की हितों को ध्यान में रखा जाए, सरल स्वभाव के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को विशेष सहयोग प्रदान करें ताकि उनका विश्वास बने तथा आसानी से बैंकिग प्रकियाओं में खुद को ढाल सकें। एलडीएम के माध्यम से सभी बच्चों के लिए फॉर्म उपलब्ध कराने की बात कही गई ।
उपायुक्त ने फसल ऋण माफी के लिए ई-केवाईसी तथा स्वयंसहायता समूह के बैंक लिंकेज में बैंक प्रबंधन को विशेष रूचि लेते हुए कार्य करने की बात कही। वहीं किसी योजना के लाभुक जिन्हें डीबीटी के माध्यम से राशि दी जाती है, वैसे ट्रांजेक्शन अगर फेल होते हैं तो तत्काल उपायुक्त कार्यालय को सूची उपलब्ध कराने का भी निर्देश बैंक प्रबंधकों को दिया गया । गुड़ाबांदा प्रखंड में बैंक ऑफ इंडिया, ज्वालकाटा शाखा में जगह की कमी के साथ आम जनता के लिए सुविधाओं के अभाव पर भी चर्चा हुई। बैंक शाखा को प्रखंड परिसर में शिफ्ट करने पर जोनल मैनेजर द्वारा सहमति दी गई।