नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज देश के लिए स्वास्थ्य को लेकर, देश में कोविड-19 की स्थिति, सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स की तैयारी, देश में टीकाकरण अभियान की स्थिति और कोविड-19 के नए वैरिएंट के उद्भव और उसकी स्थिति का आकलन करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। यह उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कुछ देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि की पृष्ठभूमि में हो रही है।
स्वास्थ्य सचिव और नीति आयोग के सदस्य द्वारा कई देशों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों सहित कोविड-19 की वैश्विक स्थिति के संबंध में एक व्यापक प्रस्तुति दी गई। प्रधानमंत्री को बताया गया कि भारत में कोविड-19 के मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है, 22 दिसंबर, 2022 को समाप्त सप्ताह में औसत दैनिक संक्रमण के मामले गिरकर 153 और साप्ताहिक संक्रमण के मामले 0.14 प्रतिशत तक कम हो गए हैं। हालांकि, पिछले 6 सप्ताह वैश्विक स्तर पर 5.9 लाख दैनिक औसत मामले दर्ज किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने संतुष्ट होकर बैठ जाने के खिलाफ आगाह किया और कड़ी निगरानी की सलाह दी। उन्होंने दोहराया कि कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है और उन्होंने अधिकारियों को विशेषकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि उपकरणों, प्रक्रियाओं और मानव संसाधन की दृष्टि से सभी स्तरों पर समस्त कोविड बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को तैयारियों के उच्च स्तर पर बनाए रखा जाए। उन्होंने राज्यों को ऑक्सीजन सिलेंडर, पीएसए संयंत्रों, वेंटिलेटर और मानव संसाधन सहित अस्पतालों में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं का त्वरित परिचालन सुनिश्चित करने के लिए कोविड विशिष्ट सुविधाओं का ऑडिट करने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को कोविड टेस्टिंग के साथ-साथ जीनोम अनुक्रमण संबंधी प्रयासों को भी तेज करने का निर्देश दिया। राज्यों से कहा गया है कि वे हर दिन जीनोम अनुक्रमण के लिए आईएनएसएसीओजी की निर्दिष्ट जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाओं (आईजीएसएल) के साथ बड़ी संख्या में नमूने साझा करें। इससे देश में फैल रहे नए वैरिएंट, यदि कोई हो, का समय पर पता लगाने में मदद मिलेगी और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करने में सुविधा होगी।
प्रधानमंत्री ने सभी से आग्रह किया कि वे हर समय कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करें, खासतौर पर त्योहारों के आने वाले मौसम को देखते हुए, जिसमें भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना भी शामिल है। प्रधानमंत्री ने ये भी आग्रह किया कि एहतियाती टीके के लिए प्रोत्साहित किया जाए, विशेष रूप से कमजोर और बुजुर्ग समूहों को।
प्रधानमंत्री को सूचित किया गया कि दवाओं, टीकों और अस्पताल के बिस्तरों की पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होंने आवश्यक दवाओं की उपलब्धता और कीमतों की नियमित निगरानी करने की सलाह दी।
फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स के विश्व स्तर पर सराहनीय काम पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने उनसे आह्वान किया कि वे उसी निस्वार्थ और समर्पित भाव से काम करना जारी रखें।
इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, नीति आयोग के सीईओ परमेश्वरन अय्यर, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, पीएमओ सलाहकार अमित खरे, गृह सचिव . ए. के. भल्ला, सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) श्री. राजेश भूषण, सचिव (डीएचआर) डॉ. राजीव बहल, फार्मास्यूटिकल्स सचिव (स्वतंत्र प्रभार) अरुण बरोका, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।