पूर्वी सिंहभूम : पोटका प्रखंड के हरिणा स्थित मागाड़बुरू दिशोम जाहेरथान मे आदिम भूमिज मुंडा समाज कल्याण समिति बुनुडीह की ओर से दिशोम हादी बोंगा (सरहुल पूजा) का आयोजन किया गया. आयोजन में झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम राज्य से तीस हजार से अधिक लोग जुटे.
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निकाली गई विशाल शोभायात्रा
यहां पूजा-अर्चना दिशोम नाया सुशांत सरदार के नेतृत्व मे किया गया. इसके साथ ही विभिन्न राज्यों से आए नायाओं ने भाग लिया. सरहुल पूजा के पश्चात जाहेरथान से आखड़ा तक नाया दारोम (पूजारी स्वागत) में विशाल शोभायात्रा निकाली गयी.
विधायक संजीव सरदार ते अतिथि
कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रूप मे स्थानीय विधायक संजीव सरदार उपस्थित थे. वे दोपहर से शाम तक कार्यक्रम में शामिल हुए. नाया दारोम के पश्चात आकर्षक सरहुल नृत्य किया गया. विभिन्न क्षेत्रों से आए 500 से अधिक गांव के लोगों ने एक साथ सामुहिक रूप से नृत्य प्रस्तुत किया.
नृत्य में झारखंडी संस्कृति की झलक
नृत्य में झारखंडी संस्कृति की एक बड़ी झलक देखने को मिली. आयोजन की सभी ने प्रशंसा की. मौके पर विधायक संजीव सरदार ने पत्रकारों से कहा कि सरहुल पूजा आदिवासी समुदाय का प्रमुख प्रकृति की पूजा है. यहां आदिवासी समाज के लोग अपने-अपने पूजा स्थल जाहेरथान में शामिल होकर पूजा-अर्चना कर क्षेत्र के लिये सुख, शांति और समृद्धी की कामना करते हैं. पूजा में साल के फूल का विशेष महत्व होता है. पूजा-अर्चना साल के फूल की जाती है. विधि के अनुसार मुर्गे की बलि दी जाती है. शाम को नाया दारोम में पूजारी सभी को साल का फूल देकर आशिर्वाद देते हैं. इस दौरान गाल मे गुंड़ी (चावल का पावडर) लगाते है. हरिणा मे आदिम भूमिज मुंडा समाज कल्याण समिति की ओर से आयोजित की जानेवाली दिशोम सरहुल पूजा भूमिज समाज के एक ऐतिहासिक आयोजन है. यहां झारखंड, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल और असम में रहनेवाले हजारों की संख्या में भूमिज समाज के लोग भी शामिल होते हैं.
ये थे मौजूद
हरिणा दिशोम हादी (सरहुल पूजा) के दौरान झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम के लोग पहुंचे. पूर्व विधायक मेनका सरदार, जिला पार्षद सोनमणी सरदार, उपप्रमुख उर्मिला सामाद, मुखिया सरस्वती मुर्मू, असीत सरदार, जिमा सरदार, नीरू सरदार, कालिपदो सरदार, देवी भूमिज, पानो सरदार, संगीता सरदार, इरा सिंह सरदार, समाजसेवी सिद्धेश्वर सरदार, सुनील महतो, बज्रांकन दंडपात, पिंटू गुप्ता, दिनेश सरदार, गुलाब सरदार, मेयालाल सरदार, उपेंद्र नाथ सरदार, रथु सिंह मौजूद थे.
आयोजन समिति में शामिल लोग
आयोजन को सफल बनाने में अध्यक्ष श्रीपित सरदार, सचिव रघुनाथ सरदार, कोषाध्यक्ष फुलचांद सरदार, मनोरंजन सरदार, दीपक सरदार, भरत सरदार, मुखिया असीत सरदार, कालीपदो सरदार, मुखिया अभिषेक सरदार, चंका सरदार, गोपीनाथ सरदार, भुवनेश्वर सरदार, अवित्र सरदार, मनोज सरदार, मोहनलाल सरदार, संजय सरदार, लाल सरदार, बुद्धेश्वर सरदार, हिरो सिंह सरदार, मनोहर सरदार, सतीश सरदार, ईश्वरलाल सरदार, बिहारी लाल सरदार, भृगुराम सरदार, मोनिका सिंह, दमयंती सिंह, संतला सरदार, अशोक सरदार, भीमसेन सरदार, मघु सरदार ने सक्रिय योगदान योगदान दिया.
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