सरायकेला : गम्हरिया प्रखंड के चामारू में गुरुवार को छऊ नृत्य के साथ-साथ चड़क पूजा और रजनीफुड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस हैरतअंगेज कारनामों को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु चमारु गांव पहुंचे थे. प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी कार्यक्रम काफी रोमांचक रहा.
देर रात भक्त उपासना पूर्वक संजय नदी पहुंचे. वहां स्नान कर शिव-शक्ति को समर्पित यात्रा घट धार्मिक अनुष्ठान में पूजा-अर्चना की गयी. भोत्ताओं ने झंडा और गरियाभार का पूजन कर गांव और पूरे संसार की खुशहाली की कामना की.
छऊ नृत्य में चारों युगों का है समावेश
प्रभात रंजन महतो ने कहा कि छऊ नृत्य चारों युगों का समावेश देखने को मिलता है. शिव शक्ति को समर्पित यात्रा घट अर्थात प्रारंभ घट, धार्मिक अनुष्ठान सत्य युग का वृतांत है. वृन्दाबनी घट त्रेता युग व गरियाभार घट द्वापर युग का वृतांत है. कलिका घट को कामना घट भी कहा जाता है जो कलियुग को दर्शाता है. छऊ नृत्य को देखने झारखंड, ओडिशा और बंगाल के हजारों दर्शक पहुंचे थे. इस वर्ष भी विभिन्न क्षेत्रों से दर्शक जुटे हुए थे. जिन्होंने नृत्य का आनंद लिया.