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जमशेदपुर : बोड़ाम में नाबालिग की मांग में सिंदूर भरने वाला मुंहबोला अधेड़ नाना नाबालिक से शादी रचाना चाहता था, टेंट हाउस का मालिक है दबंग सुफल सिंह
जमशेदपुर : बोड़ाम थाना क्षेत्र की एक नाबालिग लड़की की मांग में सिंदूर भरने वाला निःसंतान मुंहबोला नाना सुफल सिंह नाबालिग लड़की से शादी करने की मंशा पाले हुए था। जब परिवार के लोगों ने इसका विरोध कर दिया, तब उसकी एक नहीं चल रही है। सुफल सिंह एक टेंट हाउस का दबंग मालिक है। वह अपनी दबंगता से अभी तक इस मामले को दबा कर रखे हुए है। ग्राम प्रधान से लेकर हर कोई दबंग सुफल सिंह की जी हजूरी ही कर रहा है। मामला जब थाने तक पहुंचा तब पुलिस ने भी उसकी सुधि लेने के बजाय उसे अपने हिसाब से प्रताड़ित ही करती रही। सुफल सिंह की दबंगई की हद तो तब पार हो गई जब उसने एक बहन को सिंदूर डालने के बाद कहा कि वह दूसरी बहन के साथ भी इसी तरह की हरकत करेगा। इसके बाद परिवार के लोगों ने डर के मारे गांव ही छोड़ दिया। भला हो तेजस्विनी प्रोजेक्ट की महिलाओं की जिन्होंने उसे न्याय का ढाढस बंधाया और न्याय दिलाने का आश्वासन देकर मां और बेटी को दोबारा थाने लेकर गए। इस बार महिला टीम की फौज देखकर पुलिस भी बैक फुट पर आ गई। पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया लेकिन अभी तक दबंग टेंट हाउस मालिक सुफल सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई है। अब महिलाएं इस मामले को एसएसपी तक लेकर जाने वाली हैं।
11 वीं की छात्रा है नाबालिग लड़की
घटना के दिन 27 जनवरी को वह मेला देखने के लिए गई हुई थी। मेला में वह अकेली नहीं थी, बल्कि उसके साथ कई सहेलियां भी साथ में थी। जब सुफल सिंह ने उसे हरि मंदिर के पास दबोच लिया था तब उसकी कई सहेलियों ने भी इस दृश्य को देखा था। वह चिल्लाई भी थी। सुफल ने उसे जमीन पर पटक दिया था। मांग में सिंदूर भरने के पहले आरोपी ने उसके साथ अश्लील हरकत भी की थी जिसका उसने विरोध भी यही किया था।
एक सहेली ने अपनी रुमाल से साफ किया था सिंदूर
घटना के दिन नाबालिग की एक सहेली ने मांग से सिंदूर साफ किया था। इसके लिए उसने अपने रुमाल का इस्तेमाल किया था। इसके बाद नाबालिग सीधे अपने घर पहुंची थी और घटना की जानकारी मां को दी थी। मां ने लोक लाज के कारण उसकी मांग को धो दिया था और मामले को लेकर थाने पर पहुंची थी। थाना में भी पुलिस उसके साथ ठीक से पेश नहीं आई। तीन गवाह को साथ लाने की बात कह कर थाना से टरका दिया।
पंचायत ने फैसला सुनाया- जुर्माना लेकर रफा दफा करो केस
पूरे मामले को लेकर जब पंचायत बैठी तब पंचायत में आरोपी भी पहुंचा हुआ था। पंचायती के बाद पंचायत की ओर से फैसला सुनाया गया कि जुर्माना ले लो और मामले को रफा-दफा कर दो। पंचायत के फैसले का विरोध नाबालिग की मां ने किया था और कहा था कि अगर अगली बार कुछ होता है तब भी क्या पैसा देकर मामले को रफा-दफा किया जाएगा।
तीन बहनों ने भय के मारे मामा के घर पर लिया शरण
सुफल सिंह की ओर से धमकी दिए जाने के बाद परिवार के लोग पूरी तरह से डरे सहमे हुए थे। इसके बाद तीनों बहनों ने गांव छोड़ दिया था और अपने मामा के घर पूड़ीसिल्ली में शरण लिया था। इसकी जानकारी तेजस्विनी प्रोजेक्ट की महिलाओं को मिल गई थी। इसके बाद प्रोजेक्ट की महिलाएं पीड़िता के घर पहुंची और उन्हें आश्वासन दिया कि वे अपने स्तर से न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे। इसके बाद पीड़िता अपनी मां के साथ गांव पहुंची।
शादी के 20 साल बाद भी है नि : संतान
सुफल की शादी आज से 20 साल पहले हुई थी। शादी के 20 साल के बाद भी वह नि:संतान है। उसकी उम्र 52 साल हो गई है। संतान नहीं होने के कारण ही उसने अपने साढू भाई की दो बेटियों को अपने घर पर रखा था और उसकी शादी भी करवा दी है। घटना के दिन मौका मिलने पर उसने हरि मंदिर के पास योजना बनाकर नाबालिग को दबोच लिया था और नाबालिग से शादी करने की बात भी बताई थी। वहीं पीड़िता की मां का कहना है कि वह अपनी बेटी का बलिदान उसके लिए क्यों देगी।
सुफल ने गांव में बनाई है अलग पहचान
सुफल के बारे में लोगों का कहना है कि वह अपने गांव में टेंट हाउस चलाता है। टेंट हाउस चलाते समय वह रियायत में भी टेंट देने का काम करता है। उधार में भी लोगों को दिया करता है। इस कारण से गांव का एक हिस्सा उसके साथ है।
पीड़िता के माता-पिता करते हैं मजदूरी
पीड़िता के परिवार के सदस्यों की बात करें तो माता और पिता दोनों ही मजदूरी करके परिवार के सदस्यों का पेट पालने का काम करते हैं। दोनों को ही रुपये-पौसों का लालच नहीं है। अगर लालच होती तो वे अपनी बेटी की शादी से इनकार नहीं करते। पीड़िता पढ़ाई में तेज हैं। मैट्रिक की परीक्षा में उसने फस्ट डिवीजन में पास करके पटमदा, बोड़ाम और कमलपुर का ही नाम रोशन नहीं किया था, बल्कि पूर्वी सिंहभूम जिले का भी नाम रौशन किया था।