Chaibasa : पश्चिम सिंहभूम जिले के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के मध्याह्न भोजन में छिपकली मिलने से हडकंप मच गया है. साफ तौर पर देखा जा सकता है की पका हुआ चावल के बीचों बीचों एक छिपकली मरी पड़ी हुई है. अगर इसका निवाला किसी बच्चे के गले उतर जाता तो अंदाजा लगाया जा सकते है कि बच्चों के साथ क्या अनर्थ हो जाता, लेकिन खाना परोसने से पहले पके हुए चावल में पड़ी छिपकली देख ली गयी और बच्चों को स्कूल में यह भोजन परोसा ही नहीं गया. इस तरह बच्चे जहरीला विषाक्त खाना खाने से बच गए.
टाटा कॉलेज के कीचन में बना खाना
सबसे खास बात यह है की मध्याह्न भोजन का यह खाना फूड फॉर लाइफ का नारा देने वाली बड़ी एनजीओ संस्था अन्नामृत द्वारा चाईबासा टाटा कॉलेज के सेंट्रलाइज्ड किचन में बनाया गया है. पीएम पोषण योजना के तहत पश्चिम सिंहभूम जिले के चार प्रखंडों के सरकारी स्कूलों में यह खाना पहुंचाया जाता है. झारखंड सरकार से लेकर देश की प्रतिष्ठित कंपनी टाटा स्टील इस योजना को संचालित करने में सहयोग करती है. लेकिन इसके बावजूद बच्चों के निवाले पर पड़ी छिपकली भोजन के गुणवत्ता को बताने के लिए काफी है.
मामला तांतनगर के उच्च विद्यालय का
घटना पश्चिम सिंहभूम जिले के तांतनगर प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय मिरूडीह की है. यहां सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन का वितरण करने वाली संस्था अन्नामृत की भोजन की गुणवत्ता पर एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है. मध्यान भोजन के चावल में मरी हुई छिपकली पाई गई. तांतनगर प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय मिरूडीह में मध्यह्रान भोजन चाईबासा के सेंट्रलाइज्ड किचन से एक वाहन के जरिए पहुंचाया गया था, मध्यह्रान भोजन के भात में मरी हुई छिपकली पाई गई. इस घटना के बाद पूरे विद्यालय में हड़कंप मच गया. मध्यह्रान भोजन के साथ इस तरह का खिलवाड़ किए जाने से ग्रामीण और बच्चों के अभिभावक बेहद गुस्से में हैं.
झामुमो नेता ने उठाये सवाल
बच्चों के मध्यह्रान भोजन में छिपकली मिलने की घटना को सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के सह सचिव सुनील सिरका ने गंभीरता से लिया है. सुनील सिरका ने बताया है की तकरीबन एक महीने पहले ही टाटा कॉलेज कॉलोनी मध्य विद्यालय में भी मध्यान भोजन में गड़बड़ी का मामला सामने आया था. भोजन से दुर्गन्ध आ रही थी और बच्चे भोजन नहीं कर पा रहे थे. उनके द्वारा टाटा कॉलेज के सेंट्रलाइज्ड किचन की जांच भी की गयी थी, जिसमें घटिया भोजन निर्माण खुलासा हुआ था.
जिला प्रशासन पर लगाया आरोप
उसके बाद झामुमो ने इसकी लिखित शिकायत जिले के डीसी से की थी. लेकिन जिला प्रशासन ने इस मामले को नजरअंदाज कर दिया. नतीजा यह हुआ कि अब बच्चों को दिये जाने वाले खाने में छिपकली भी मिलने लगी है. झामुमो नेता सुनील सिरका ने सेंट्रलाइज्ड किचन में बन रहे मध्यह्रान भोजन की गड़बड़ी पर नाराजगी जताते हुए इस मामले की गंभीरता से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. वहीं उन्होंने पहले की तरह विद्यालय में ही सरस्वती वाहिनी के जरिये भोजन बनाकर बच्चों को परोसने की मांग की है.
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