जमशेदपुर : हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग पर ट्रेनों की लेटलतीफी थमने का नाम नहीं ले रही है. खासकर टाटानगर स्टेशन आने वाली लंबी दूरी की ट्रेनें प्रतिदिन घंटों देर से पहुंच रही हैं. बंगाल और बिहार से समय पर निकलने वाली ट्रेनें आदित्यपुर-गम्हरिया और गोविंदपुर-आसनबनी खंडों में रोकी जा रही हैं, जिससे वे 2 से 6 घंटे तक देरी से टाटानगर पहुंचती हैं. इससे यात्री अपनी कनेक्टिंग ट्रेनों से चूक रहे हैं और उन्हें आर्थिक व मानसिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
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लगातार मिल रही शिकायतें, पर नहीं हो रही सुनवाई
हावड़ा, दिल्ली, रांची, धनबाद और दक्षिण भारत की एर्नाकुलम तथा विशाखापट्टनम एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें नियमित रूप से लेट चल रही हैं. बक्सर, छपरा, आरा जैसे बिहार के शहरों से यात्रा करने वाले यात्रियों की बक्सर एक्सप्रेस महीने में 7-8 बार छूट जाती है. यात्रियों द्वारा रेलवे स्टेशन पुस्तिका में शिकायत दर्ज करने और ऑनलाइन माध्यमों से शिकायतें करने के बावजूद चक्रधरपुर मंडल की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है, इससे यात्रियों में रोष बढ़ता जा रहा है.
मालगाड़ियों को प्राथमिकता, यात्री ट्रेनें हो रही हैं प्रभावित
यात्रियों का आरोप है कि रेलवे मालगाड़ियों को प्राथमिकता दे रहा है, ताकि चक्रधरपुर मंडल का राजस्व बढ़े. इसके चलते लंबी दूरी की यात्री ट्रेनों को रास्ते में रोका जा रहा है. इस कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार गुस्साए यात्रियों ने टाटानगर, गोविंदपुर और गम्हरिया स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन और हंगामा भी किया है.
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रेल कर्मचारियों पर गिर रहा गुस्सा
ट्रेनों की देरी को लेकर स्टेशन ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को भी यात्रियों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है. जानकार बताते हैं कि रेलवे के परिचालन प्रणाली में गड़बड़ियों के कारण कर्मचारी भी असहाय हैं, लेकिन यात्रियों का गुस्सा उन्हीं पर फूटता है.
जल्द सुधार का भरोसा: सीनियर डीसीएम
चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम आदित्य चौधरी ने बताया कि “लाइन की मरम्मत एवं सुरक्षित परिचालन योजना के कई कार्यों के कारण अभी ट्रेनों की गति प्रभावित हो रही है, लेकिन जल्द ही परिचालन व्यवस्था में सुधार किया जाएगा. इसके बाद यात्रियों को शिकायत का मौका नहीं मिलेगा.”